अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति करेगी पंद्रह दिवसीय नववर्ष स्वागत कार्यक्रमों के आयोजन
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- Mar 18, 2025

उदयपुर, 18 मार्च (हि.स.)।
अखिल भारतीय नववर्ष समारोह समिति द्वारा आयोजित नववर्ष कार्यक्रमों की घोषणा मंगलवार को आलोक संस्थान के चित्तमठ सभागार में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में की गई।
समिति के राष्ट्रीय सचिव डॉ. प्रदीप कुमावत ने बताया कि यह कार्यक्रम नगर निगम उदयपुर, उदयपुर विकास प्राधिकरण, सर्व समाज और विभिन्न संगठनों के सहयोग से पंद्रह दिनों तक चलेगा।
महिलाओं और बालिकाओं के लिए विशेष रूप से 'म्हारी घूमर' कार्यक्रम का आयोजन 22 मार्च 2025, शनिवार को श्रीराम क्रीड़ा मैदान, आलोक संस्थान, हिरणमगरी सेक्टर-11, उदयपुर में सायं 6 बजे होगा। इस कार्यक्रम की थीम 'नववर्ष, नव ऊर्जा, नव हर्ष: म्हारी घूमर में संस्कारों की छांव, मातृशक्ति की सजीव आभा' होगी।
19 मार्च को कलश स्थापना श्रीराम मंदिर, आलोक संस्थान में दोपहर 12.15 बजे होगी। सायं 7 बजे आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा दिव्य भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा।
20 मार्च को आलोक इंटरैक्ट क्लब फतहपुरा द्वारा यह यात्रा दोपहर 3 बजे अंबेरी से प्रारंभ होकर हाथीपोल तक पहुंचेगी। शाम 5 बजे पंचवटी से गुड़ी पड़वा बनाकर जगदीश चौक तक पदयात्रा निकाली जाएगी।
21 को सत्यार्थ प्रकाश न्यास के बाहर सायं 4 से 5:30 बजे यह प्रतियोगिता आयोजित होगी। बालिकाएं और महिलाएं इसमें प्रत्यक्ष एवं ऑनलाइन भाग ले सकेंगी।
22 को इस कार्यक्रम में 1008 महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में घूमर नृत्य प्रस्तुत करेंगी। इस अवसर पर व्यंजन मेला, तंदूरी चाय और चटपटे खाने के स्टॉल भी लगाए जाएंगे।
23 को महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः 11.15 बजे गंगा जल से अभिषेक और गौ माता का पूजन किया जाएगा।
24-25 को उदयपुर में स्थित महापुरुषों की प्रतिमाओं का दुग्धाभिषेक और पूजन किया जाएगा। इस दौरान समाजसेवियों का सम्मान भी होगा।
26 को सायं 5.30 बजे सूरजपोल पुलिस कंट्रोल रूम के पास वंदे मातरम् गायन और भारत माता पूजन का आयोजन किया जाएगा।
27 मार्च को परशुराम घाट (अंबापोल) से गणगौर घाट तक भव्य कयाकिंग और केनोइंग प्रदर्शन किया जाएगा।
28 को फतेहसागर के देवाली छोर पर शाम 6 बजे पारंपरिक वेशभूषा, पगड़ी सजावट, रैंप वॉक एवं मूंछों का प्रदर्शन किया जाएगा।
29 को दोपहर 3 बजे एकलिंगजी से प्रारंभ होकर यह यात्रा गणगौर घाट पहुंचेगी। भगवान जगदीश-राम के मिलन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं गंगा आरती का आयोजन होगा।
30 को प्रातः 8 से 11 बजे विभिन्न चौराहों पर हल्दीघाटी की माटी और त्रिवेणी संगम के जल से नागरिकों का तिलक किया जाएगा।
30 मार्च को सायं 6.30 बजे पाला गणेशजी से दूधतलाई तक चेती एकम् की सवारी निकाली जाएगी। नगर निगम द्वारा भव्य आतिशबाजी और दीप प्रवाह के साथ 15 दिवसीय कार्यक्रम का समापन होगा।
डॉ. प्रदीप कुमावत ने कहा कि महाराजा विक्रमादित्य के पराक्रम को सम्मान देते हुए संसद परिसर में उनकी प्रतिमा स्थापित करने और विक्रम संवत को राष्ट्रीय संवत घोषित करने की मांग की जा रही है। यह अभियान हस्ताक्षर अभियान के रूप में निरंतर जारी रहेगा।
नवसंवत्सर कार्यक्रमों के लिए संयोजक कमलेन्द्र सिंह पंवार, कृष्ण कांत कुमावत, शिवसिंह सोलंकी, भूपेन्द्र सिंह भाटी, मनीष तिवारी, शशांक टांक, प्रशांत व्यास, निष्चय कुमावत, प्रतीक कुमावत, किशन वाधवानी, डॉ. नरेन्द्र पालीवाल, लव वर्मा, जयपाल सिंह रावत, पराग शर्मा, वीरेन्द्र पालीवाल, राजेश भारती, नारायण चोबीसा, ललित कुमावत, पवन सुखवाल, सुरेश पालीवाल, जितेश कुमावत, पुनीत सुखवाल, रमेश सोनी, नवीन चौबीसा, पुष्कर शर्मा, जयशंकर राय एवं गणेश ओड समेत सभी कार्यकर्ता जुटे हुए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता