जयपुर, 28 अक्टूबर (हि.स.)। राजधानी जयपुर में दीपावली पर पटाखों की भी अलग-अलग वैरायटी बाजार में आ चुकी है। इस बार बाजार में आतिशबाजी को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। बाजार में नई-नई वैरायटी के पटाखे आए हैं। इसमें बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए पटाखे उपलब्ध हैं। इस बार बाजार में सैकडों तरह के पटाखों की वैरायटी मौजूद है। जिसमें ड्रोन और हेलीकॉप्टर वाला पटाखा सबसे अनोखा है। यह ड्रोन और हेलीकॉप्टर की तरह हवा में उड़ते हुए जाते हैं। साथ ही कलरफुल बटरफ्लाई वाले पटाखों की भी डिमांड खूब है। इसके साथ रेसिंग कार भी है,जो आग लगाते ही चार पहियों पर दौड़ेगी। इनकी कीमत 15 रुपए से लेकर 20 हजार तक है। कुल 10 हजार तरह की वैरायटी मौजूद है। राजस्थान में इस बार दीपावली पर लगभग 30 हजार स्थायी और अस्थायी दुकानों पर पटाखों का 1200 करोड़ का कारोबार होने की संभावना है।
फायर वर्क संगठन एसोसिएशन ऑफ फायरवर्क आर्टिस्ट्स के अध्यक्ष जहीर अहमद बताया कि जयपुर में पटाखों का कारोबार सालों पुराना है। यहां राजा-महाराजा के समय से ही पटाखों का चलन रहा है। यहां के पटाखों की डिमांड भारत के अलग-अलग शहरों में होती है। इस समय दिल्ली में पटाखे बैन हैं। ऐसे में लोग दिल्ली से जयपुर पटाखे खरीदने आ रहे हैं। दिल्ली से आने वाले ग्राहक और आस-पास के शहरों के लोगों के आने की वजह से इस साल दीपावली पर जयपुर में पटाखा का कारोबार तीन सौ करोड़ से ज्यादा का होगा। अगर पूरे राजस्थान की बात की जाए तो लगभग एक हजार से बारह सौ करोड़ का कारोबार होगा।
फायर वर्क संगठन एसोसिएशन ऑफ फायरवर्क आर्टिस्ट्स के अध्यक्ष जहीर अहमद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार जो केमिकल कंपोजिशन तय किया गया है। उसी आधार पर कंपनियां भी पटाखे तैयार कर रही है और ग्रीन पटाखे ही मार्केट में आ रहे हैं।
जहीर ने बताया कि इस बार बाजार में बच्चों से लेकर बड़े सभी के लिए पटाखों की वैरायटी आई है। हर साल कस्टमर नए तरह के पटाखों की डिमांड करता है। इस बार हेलीकॉप्टर और ड्रोन वाले पटाखों की लोग मांग कर रहे हैं। इसकी कई वैरायटी मौजूद है। साथ ही इस बार बच्चों के लिए दोनों तरफ से चलने वाली चकरी भी मौजूद है। पहले मार्केट में फुलझड़ी और अनार का चलन था, लेकिन इस बार बच्चे भी इसे पसंद नहीं कर रहे। उन्हें फैंसी आइटम चाहिए। ऐसे में इसकी जगह पर स्काई शॉट ही पसंद कर रहे हैं। ये आसमान में जाकर रंग-बिरंगे सितारे बिखेरते हैं। इसके अलावा जयपुर में दौ सौ से अधिक स्थायी दुकान है। इनके पास स्थायी लाइसेंस हैं। इसके अलावा शहर में कमिश्नर ऑफिस की तरफ से दीपावली के मौके पर लगभग 1 हजार 500 दुकानें हैं। इन्हें सरकार की ओर से हर साल अस्थाई लाइसेंस दिया जाता है। अस्थाई लाइसेंस वाली दुकान 5 से 7 दिन तक के लिए मान्य है। निर्धारित तिथि तक ही यह दुकान चलाई जा सकती है। पूरे राजस्थान में लगभग पांच हजार स्थायी और करीब 25 हजार अस्थायी दुकानें हैं।
फायर वर्क संगठन एसोसिएशन ऑफ फायरवर्क आर्टिस्ट्स के प्रेसिडेंट जहीर अहमद ने बताया बाजार में कई डुप्लीकेट पटाखे बिक रहे हैं, जो अचानक से फट जाते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
पटाखा व्यापारियों कहना है कि जयपुर के बाजारों में आस-पास के शहरों से भी पटाखे बिकने के लिए आते हैं। लेकिन तमिलनाडु के शिवकाशी से आने वाले पटाखों की बाजार में खूब डिमांड रहती है। यहां की चकरी, अनार, रॉकेट, पेंसिल और लड़ियां सबसे ज्यादा पॉपुलर हैं। जयपुर के स्काई शॉट्स के मुकाबले कोई अन्य नहीं है। इसके साथ ही जयपुर के अनार, चकरी और पेंसिल की भी खूब डिमांड होती है। इनमें ज्यादा चमक धमक नहीं होती, लेकिन इनकी टाइमिंग ज्यादा होती है। ज्यादा सुरक्षित भी होते हैं। किशनगढ़ (अजमेर) के सुतली बम और फुलझड़ी फेमस हैं। जयपुर में पटाखे तमिलनाडु, बीकानेर, गुजरात, जयपुर के कालवाड़ और यूपी के सहारनपुर से आते हैं।
व्यापारी ने बताया कि इस बार बाजार में आतिशबाजी को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। बाजार में 15 रुपए से लेकर 20 हजार तक के पटाखे मौजूद हैं। 15 रुपए में पटाखे की लड़ी है। वहीं 20 हजार में 1688 स्काई शॉट्स मौजूद हैं। इसमें बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए पटाखे उपलब्ध हैं। वहीं इस बार पटाखे कर्नाटक और केरल के अलावा अजमेर के किशनगढ़ से भी खूब आ रहे हैं। ज्यादातर पटाखे इको फ्रेंडली हैं। बच्चों के लिए स्काई स्क्रैपर नाम से हेलिकॉप्टर वाले पटाखे भी मौजूद हैं। इसके साथ ही कलरफुल बटरफ्लाई वाले पटाखे की भी डिमांड खूब हो रही है। बच्चों में पॉपुलर ड्रैगन वाले पटाखे की भी रेंज काफी सारी है। क्रैकलिंग स्पार्कलिंग पटाखे वाली फुलझड़ी स्पार्किंग के साथ क्रेकर्स की आवाज आएगी। मरकरी लाइट वाले पटाखे चटर-पटर की आवाज के साथ मौजूद हैं। सुतली बम में महाराजा वीआईपी, राजा वीआईपी अवेलेबल है।
पटाखा व्यवसायी ने बताया कि इस बार बाजार में पटाखों में बच्चों से लेकर बड़ों तक की पसंद की अलग-अलग वैरायटी मौजूद है। इनमें पिस्टल पटाखे के अलावा पॉपकॉर्न, पॉप पॉप, वाटर बम, मल्टी शॉट और कई तरीके की आतिशबाजी मौजूद हैं। साथ में अलग-अलग रंग के अनार भी मौजूद हैं। इसके साथ ही बच्चों के लिए पटाखों की बात करें तो जी बुंबा काफी पॉपुलर है। इसमें से चटर पटर की आवाज आती है। वहीं पॉप पॉप भी बच्चों का पसंदीदा पटाखा है। इसके एक डिब्बे की कीमत 15 रुपये से शुरू है। मार्केट में इस बार सबसे ज्यादा कॉक, मरकरी और बेडीवेल के ब्रांड हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश