नितिन गडकरी ने किया सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए रणनीति विकसित करने का आह्वान

नई दिल्ली, 06 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क सुरक्षा उपायों में सुधार की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए सड़क निर्माण उद्योग से नई प्रौद्योगिकियों और टिकाऊ पुनर्चक्रणीय निर्माण सामग्री को अपनाकर सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के लिए रणनीति विकसित करने का आह्वान किया।

गडकरी यहां आज “विज़न जीरो: सस्टेनेबल इंफ्राटेक और सुरक्षित सड़कों के लिए नीति” विषय पर दो दिवसीय ग्लोबल रोड इंफ्राटेक समिट एंड एक्सपो (जीआरआईएस) का उद्घाटन करने के बाद उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में होने वाली अधिकांश सड़क दुर्घटनाए सड़क डिजाइन, निर्माण और प्रबंधन में खराब सिविल इंजीनियरिंग प्रथाओं और अनुचित सड़क संकेत और चिह्न प्रणाली के कारण होती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि स्पेन, ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में जो किया जा रहा है, उसका अनुकरण करके उन्हें सुधारा जा सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत में 4,80,000 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, 1,80,000 मौतें हुईं और लगभग 4,00,000 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। इनमें से 1,40,000 दुर्घटनाएं 18-45 वर्ष की आयु के लोगों की हैं, जिनमें ज़्यादातर दोपहिया वाहन सवार और पैदल यात्री प्रभावित हुए हैं। गडकरी ने कहा कि इन दुर्घटनाओं से सकल घरेलू उत्पाद में 3% की आर्थिक हानि होती है।

सड़कों की खराब योजना और डिज़ाइन के कारण सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि के लिए मुख्य रूप से इंजीनियरों को ज़िम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय मंत्री ने घटिया विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सरकार का लक्ष्य 2030 तक दुर्घटना दर को 50% तक कम करना है।

गडकरी ने उद्योग और सरकार से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए समाधान खोजने में सहयोग करने का आग्रह किया तथा सुरक्षित बुनियादी ढांचे के निर्माण में शिक्षा के महत्व और सुरक्षित ड्राइविंग आदतों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया। उन्होंने मज़बूत कानून प्रवर्तन और उत्तरदायी आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ-भारत अध्याय (आईआरएफ-आईसी) द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन का उद्देश्य नवाचार को प्रेरित करना, उद्योग प्रदाताओं से अत्याधुनिक समाधान प्रदर्शित करना, ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना और सरकारी निकायों और निजी संगठनों के विशेषज्ञों और निर्णयकर्ताओं के लिए मूल्यवान नेटवर्किंग के अवसर खोलना है।

अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) के अध्यक्ष एमेरिटस, केके कपिला ने कहा कि सम्मेलन-सह-एक्सपो मोड के माध्यम से शिखर सम्मेलन का उद्देश्य एक समग्र अनुभव प्रदान करना है, जो प्रारूपों को सहजता से मिश्रित करके उद्योग में शिक्षा, प्रेरणा और प्रगति को बढ़ावा देता है। आईआरएफ एक वैश्विक सड़क सुरक्षा निकाय है, जो दुनिया भर में बेहतर और सुरक्षित सड़कों के लिए काम कर रहा है।

सुज़ाना ज़म्माटारो, महानिदेशक, आईआरएफ, जिनेवा, लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह, अध्यक्ष, आईआरएफ-भारत चैप्टर और अखिलेश श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष, आईआरएफ ने भी इस अवसर पर अपने सुझाव रखे।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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