हिसार : माता अहिल्याबाई का जीवन, प्रशासनिक दक्षता का उदाहरण :संदीप राणा

माता अहिल्याबाई होलकर की त्रिशती जयंती के उपलक्ष्य में विशेष विचार गोष्ठी

का आयोजन

हिसार, 11 अप्रैल (हि.स.)। गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

में पुण्यश्लोका माता अहिल्याबाई होलकर की त्रिशती जयंती के उपलक्ष्य में एक विशेष

विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन माता अहिल्याबाई होलकर त्रिशती जयंती समिति

एवं स्नेह मिलन गुजवि परिवार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। गोष्ठी का उद्देश्य समाज

में माता अहिल्याबाई के जीवन-दर्शन, उनके सेवा भाव, न्यायप्रिय प्रशासन और लोक कल्याण

के प्रति उनके अद्वितीय समर्पण को व्यापक स्तर पर जन-जन तक पहुंचाना रहा।

विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह ऑडिटोरियम में हुए इस कार्यक्रम में विभिन्न

सामाजिक, शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक संगठनों से जुड़े गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी

उपस्थिति रही। मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के तकनीकी सलाहकार प्रो. संदीप

राणा ने गोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि माता अहिल्याबाई का जीवन, प्रशासनिक दक्षता

और धर्मनिष्ठता का अनुपम उदाहरण है। उन्होंने कहा कि उनके कार्यों की प्रासंगिकता आज

भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितनी अपने कालखंड में थी।

गोष्ठी में प्रांत कार्यवाह डॉ. प्रताप सिंह ने विशेष रूप से उपस्थित होकर

अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि माता अहिल्याबाई का संपूर्ण जीवन भारतीय नारी

की गरिमा, सामाजिक समरसता और सेवा पर आधारित था।

मुख्य वक्ता एवं सेवा भारती के प्रांत उपाध्यक्ष कमल सराफ ने माता जी के सामाजिक

न्याय, धार्मिक सहिष्णुता और जनकल्याण की भावना पर आधारित शासन प्रणाली को विस्तार

से रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि अहिल्याबाई होलकर का जीवन संपूर्ण राष्ट्र के लिए

एक दीपस्तंभ की तरह है।

कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक भूपेंद्र ने आशीर्वचन

प्रदान करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन आज की युवा पीढ़ी को अपने गौरवशाली इतिहास

और संस्कृति से जोड़ने का माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि माता अहिल्याबाई का जीवन प्रत्येक

वर्ग के लिए समान अवसरों और न्याय की भावना का प्रतीक रहा है।

देवी अहिल्याबाई होलकर त्रिशती समारोह आयोजन समिति के सह संयोजक एडवोकेट सुनील

तिवारी ने आए हुए अतिथियों को स्वागत किया और अपने विचार रखे। विचार गोष्ठी के समापन

पर आयोजकों द्वारा सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम

में विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, शिक्षकगण एवं अनेक सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या

में उपस्थित रहे। आयोजन ने एक ओर जहां माता अहिल्याबाई होलकर के प्रेरणास्रोत जीवन

से परिचय कराया, वहीं सामाजिक मूल्यों, सेवा भावना और सांस्कृतिक जागरूकता को भी एक

नई ऊर्जा प्रदान की।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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