
मुंबई, 17 मार्च (हि.सं.)। पिछले कुछ दिनों से मुंबई में पड़ रही भीषण गर्मी ने लोगों को परेशान कर दिया है। इससे पशु-पक्षी भी अछूते नहीं हैं। पेड़ों और आसमान में उड़ते हुए कई पक्षी बेहोश होकर गिर रहे हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष मार्च महीने में गर्मी के कारण घायल हुए पक्षियों की संख्या में पांच गुना वृद्धि हुई है। पिछले 16 दिनों में 58 पक्षी और 3 कुत्तों बेहोशी का हालत में ईलाज के लिए पशु अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पिछले कई दिनों से मार्च महीने में ही मुंबई में भीषण गर्मी पड़ रही है। अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आस-पास दर्ज किया जा रहा है। आवारा पशु, पक्षी बेहाल हैं। पानी, चारा और छाया के अभाव में पशु-पक्षी व्याकुल हो रहे हैं। निर्जलीकरण के कारण पक्षियों के बेहोश होकर गिरने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। घायल पशुओं और पक्षियों को पशु प्रेमियों ने परेल स्थित दी बाई साकारबाई दिनशॉ पेटिट हॉस्पिटल फॉर एनिमल्स में भर्ती कराया है। हॉस्पिटल के प्रबंधक डॉ. मयूर डांगर ने बताया कि भर्ती कराए गए 3 कुत्तों का समावेश है। इसके अलावा चील,कबूतर, कौवे और तोते सहित 58 पक्षियों को ईलाज के लिए लाया गया है। मार्च महीने में पक्षियों के घायल होने की संख्या कम होती है। हर साल मार्च के पहले पखवाड़े में औसतन 8 से 10 पक्षी घायल होने घटनाएं सामने आती थी। इस साल यह संख्या काफी बढ़ गई है।
डॉक्टरों ने सलाह दी है कि पक्षी आकाश में ऊंचे उड़ते हैं, इसलिए वे सीधे सूर्य के संपर्क में आते हैं. नागरिकों को अपने घर की छत या छज्जे पर पक्षियों के लिए दाने व पानी रखना चाहिए। मुंबई जैसे महानगर में पक्षी अपने घोंसले नहीं बना पाते। इमारतों की छतों पर एक बड़े कंटेनर में पानी रखा जाना चाहिए, ताकि पक्षी उसमें नहा सकें और अपनी प्यास बुझा सकें। पालतू जानवरों को धूप में बाहर नहीं ले जाना चाहिए। उन्हें तला हुआ, मसालेदार या मांसाहारी भोजन नहीं देना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार