गहलाेत सरकार के समय की बकाया आरटीई राशि का जल्द हाेगा भुगतान
- Admin Admin
- Feb 03, 2025
जयपुर, 3 फ़रवरी (हि.स.)। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा आरटीई (शिक्षा का अधिकार) के तहत 900 करोड़ की राशि का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि गहलाेत सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 से वर्ष 2022 -23 तक आरटीई के तहत राशि का पुनर्भरण नहीं किये जाने से लगभग 800 करोड़ रुपये का भुगतान अब भी बकाया है। सरकार द्वारा इस बकाया राशि के शीघ्र भुगतान की कार्रवाई की जा रही है।
शिक्षा मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि आरटीई के तहत निशुल्क प्रवेश प्रक्रिया की निरंतर समीक्षा की जाती है एवं मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद ही प्रवेश प्रकिया संपन्न होती है।
विधायक घनश्याम के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री ने कहा कि करौली जिले में शिक्षा का अधिकार कानून के तहत वर्ष 2021-22 में दाे हजार 523, वर्ष 2022 -23 में चार हजार 740 एवं वर्ष 2024-25 में सात हजार 24 निशुल्क प्रवेश दिए गए। उन्होंने इसका वर्षवार एवं विधानसभा क्षेत्रवार विवरण सदन के पटल पर रखा।
उन्होंने बताया कि करौली जिले में शिक्षा का अधिकार कानून के तहत वर्ष राज्य सरकार द्वारा 2021-22 में 552 विद्यालयों को 14.33 करोड़, वर्ष 2022 -23 में 534 विद्यालयों को 14.84 करोड़ एवं वर्ष 2024-25 में 517 विद्यालयों को 15.51 करोड़ की राशि का पुनर्भरण किया गया। उन्होंने इसका वर्षवार एवं विधानसभा क्षेत्रवार विवरण पेश किया।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि निशुल्क प्रवेश प्रक्रिया में आवेदन से लेकर प्रवेश प्रकिया तक संपूर्ण कार्य ऑनलाइन है। कोई भी गैर सरकारी विद्यालय किसी भी विद्यार्थी को आरटीई के तहत निशुल्क प्रवेश होने पर प्रवेश को रोक नहीं सकता। दिलावर ने बताया कि प्रारम्भिक शिक्षान्तर्गत कक्षा आठ तक शुल्क वसूली के प्रकरण विभाग को प्राप्त नहीं हुए हैं। केवल पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में प्रवेशित विद्यार्थियों के आरटीई पुनर्भरण के संबंध में याचिका संख्या 792/2023 न्यायालय में विचाराधीन है। इस याचिका के निर्णय अनुसार पूर्व प्राथमिक कक्षाओं में प्रवेशित विद्यार्थियों के शुल्क वसूली के संबंध में परिवेदना का निस्तारण किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि माध्यमिक शिक्षान्तर्गत इस कानून के तहत प्रवेश पाने वाले बच्चों से शुल्क वसूली के प्रकरण विभाग को प्राप्त हुए है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित