विधानसभा उप चुनाव : फूलपुर में दो चुनावों से खिल रहा कमल,  कांग्रेसी नेता सुरेश यादव ने सपा का बढ़ा दिया है सिरदर्द

लखनऊ, 08 नवम्बर (हि.स.)। प्रयागराज जिले में पड़ने वाले फूलपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव भाजपा और सपा दोनों के लिए नाक का सवाल है। 2017 और 2022 में भाजपा ने जहां लगभग 42 प्रतिशत वोट लेते हुए विजयी रही थी। वहीं इससे पहले यह सीट सपा के पास रही। कांग्रेस ने भी यहां परचम लहराया है, लेकिन 2017 से पूर्व भाजपा सिर्फ एक बार राम लहर में 1993 में दूसरे स्थान पर रही थी।

यहां कुल 12 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसमें से पांच निर्दलीय हैं। 12 उम्मीदवारों में दो महिला भी हैं, जो निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में चुनाव लड़ रही है। सात उम्मीदवारों को नामांकन खारिज हुए थे। कांग्रेस द्वारा सपा के समर्थन में चुनाव न लड़ने के एलान के बाद वहां कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष सुरेश चंद्र यादव ने बगावती तेवर अख्तियार कर निर्दलीय के तौर पर पर्चा दाखिल कर दिया है। उन्हें चुनाव आयोग ने चारपाई चुनाव चिह्न दिया है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ ही उनकी सपा में भी पकड़ मानी जाती है। इससे वे सपा का खेल बिगाड़ सकते हैं।

हालांकि चुनाव में भी क्रिकेट की तरह अनिश्चितता बनी रहती है। कमल खिलेगा या साइकिल की रफ्तार बढ़ेगी यह तो मतगणना के बाद ही बताया जा सकता है, लेकिन इस बीच सपा और भाजपा ने अपने-अपने ढंग से वहां प्रचार के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।

समाजवादी पार्टी ने मो. मुज्तबा सिद्दीकी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं भाजपा ने दीपक पटेल को टिकट दिया है, जबकि जितेंद्र कुमार को टिकट देकर बसपा ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश की है।

यहां 2022 में कुल 42.00 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2022 में भारतीय जनता पार्टी से प्रवीण कुमार पटेल ने समाजवादी पार्टी के मुर्ताजा सिद्दीकी को 2732 वोटों के अंतर से हराया था। प्रवीण कुमार पटेल को जहां 103557 वोट मिले थे अर्थात कुल पड़े वोट का 42 प्रतिशत वहीं समाजवादी पार्टी के मुर्ताजा सिद्दीकी को 40.89 प्रतिशत वोट मिला था। वहीं बीएसपी 13.40 प्रतिशत वोट के साथ तीसरे नम्बर पर थी। कांग्रेस को मात्र 1626 मत मिले थे, जबकि 1548 लोगों ने नोटा का बटन दबाया था।

वहीं 2017 की बात करें तो भाजपा के प्रवीण सिंह एरन को 93912 वोट मिले थे। इनका वोट शेयर 41.94 प्रतिशत था, जबकि सपा के मंसूर आलम को 30.05 प्रतिशत वोट मिला था। 22.52 प्रतिशत वोट शेयर के साथ बसपा के उम्मीदवार मसरूर शेख तीसरे नम्बर पर थे। वहीं 2012 में भाजपा को सिर्फ छह प्रतिशत ही वोट प्राप्त हुए थे, जबकि यहां से समाजवादी पार्टी के सैयद अहमद ने जीत हासिल की थी। 2007 में भी सपा के अरुण कुमार यादव को यहां से जीत मिली थी, जबकि बसपा यहां से दूसरे नम्बर थी। वहीं 15 प्रतिशत वोट शेयर के साथ कांग्रेस ने तीसरा स्थान हासिल किया था।

हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय

   

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