समुद्री सीमा पर तटीय सुरक्षा के लिए आईसीजी की भूमिका को संसदीय समिति ने सराहा
- Admin Admin
- Nov 17, 2024
- अवैध मछली शिकार, तस्करी और मानव तस्करी रोकने के मुद्दों पर भी हुई चर्चा
नई दिल्ली, 17 नवंबर (हि.स.)। रक्षा संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने भारत की विशाल समुद्री सीमा पर तटीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के कामकाज को सराहा है। समीक्षा बैठक में महानिदेशक एस. परमीश ने समिति को आईसीजी संचालन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी, जिसमें इसकी व्यापक निगरानी प्रणाली, उन्नत पोत बेड़े और विशेष प्रतिक्रिया इकाइयां शामिल हैं।
आईसीजी के कमांडर अमित उनियाल ने बताया कि चेन्नई में हुई सांसदों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए सांसद राधामोहन सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में रक्षा मंत्रालय और आईसीजी के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। आईसीजी का प्रतिनिधित्व महानिदेशक एस. परमीश ने किया, जिन्होंने आईसीजी की परिचालन क्षमताओं, रणनीतिक पहलों और देश की तटीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की तैयारियों की जानकारी समिति को दी।
बैठक में भारत के समुद्री हितों की रक्षा, विभिन्न हितधारकों के साथ समन्वय में सुधार और समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिक्रिया तंत्र को बढ़ाने के लिए आईसीजी के चल रहे प्रयासों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसके साथ ही समुद्री सुरक्षा के लिए खतरा बने अवैध मछली शिकार, तस्करी और मानव तस्करी को रोकने में आईसीजी की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया। समिति के सदस्यों ने भारतीय तटरक्षक बल की हालिया उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त किया।
बैठक में तटीय सुरक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, अंतर-एजेंसी समन्वय को बढ़ाने और अत्यधुनिक तकनीकों को लागू करने में बल की महत्वपूर्ण प्रगति को स्वीकार किया गया। संसदीय स्थायी समिति ने भारत की 11,098 किलोमीटर लंबी तटरेखा की सुरक्षा और महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में आईसीजी की सक्रिय भूमिका को सराहा।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम