प्रधानमंत्री मोदी रविवार को विकसित भारत युवा नेता संवाद में भाग लेंगे
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- Jan 11, 2025
नई दिल्ली, 11 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को नई दिल्ली के भारत मंडपम में विकसित भारत युवा नेता संवाद-2025 में भाग लेंगे और देशभर से आए तीन हजार सक्रिय युवा नेताओं से बातचीत करेंगे। यह आयोजन स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट किया, “भारत की युवा शक्ति को श्रद्धांजलि। कल, 12 जनवरी, एक बहुत ही खास दिन है क्योंकि यह स्वामी विवेकानंद की जयंती है। इस अवसर पर, मैं पूरा दिन अपने युवा मित्रों के साथ विकसित भारत युवा नेता संवाद-2025 में बिताऊंगा। बातचीत और दोपहर के भोजन के दौरान हम विकसित भारत के निर्माण के उद्देश्य से विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे।”
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के अनुसार विकसित भारत युवा नेता संवाद का उद्देश्य राष्ट्रीय युवा महोत्सव को पारंपरिक तरीके से आयोजित करने की 25 साल पुरानी परंपरा को तोड़ना है। यह प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस के आह्वान के अनुरूप है, जिसमें गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि के एक लाख युवाओं को राजनीति में शामिल करने और उन्हें विकसित भारत के लिए अपने विचारों को वास्तविकता बनाने के लिए एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करने का आह्वान किया गया है। इसके अनुरूप इस राष्ट्रीय युवा दिवस पर प्रधानमंत्री देश के भावी नेताओं को प्रेरित, प्रोत्साहित और सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन की गई कई गतिविधियों में भाग लेंगे। नवोन्मेषी युवा नेता प्रधानमंत्री के समक्ष भारत के विकास के लिए महत्वपूर्ण दस विषयगत क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हुए दस पावरपॉइंट प्रस्तुतियां देंगे। ये प्रस्तुतियां भारत की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों का समाधान करने के लिए युवा नेताओं द्वारा प्रस्तावित नवोन्मेषी विचारों और समाधानों को दर्शाती हैं।
प्रधानमंत्री दस विषयों पर प्रतिभागियों द्वारा लिखे गए सर्वश्रेष्ठ निबंधों का संकलन भी जारी करेंगे। ये विषय प्रौद्योगिकी, स्थिरता, महिला सशक्तिकरण, विनिर्माण और कृषि जैसे विविध क्षेत्रों को शामिल करते हैं।
पीएमओ के अनुसार एक अनोखे माहौल में प्रधानमंत्री युवा नेताओं के साथ लंच पर शामिल होंगे, जिससे उन्हें अपने विचार, अनुभव और आकांक्षाएं सीधे उनसे साझा करने का अवसर मिलेगा। यह व्यक्तिगत बातचीत शासन और युवा आकांक्षाओं के बीच की खाई को पाटेगी तथा प्रतिभागियों के बीच स्वामित्व और जिम्मेदारी की गहरी भावना को बढ़ावा देगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार