पलवल: धान के स्थान पर दूसरी फसल उगाने पर मिलेगी आठ हजार प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि
- Admin Admin
- Jul 07, 2025
पलवल, 7 जुलाई (हि.स.)। जिला उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने सोमवार को जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा खरीफ-2025 के लिए मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के आवेदन प्रारंभ हो गए हैं, जिसके लिए किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर अपनी फसल का पंजीकरण कराना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि जिन किसानों द्वारा पिछले वर्ष धान बोया गया था और अब वे किसान वैकल्पिक फसलें उगा रहे हैं या खेत को खाली छोड़ रहे है, वे किसान इस योजना के अंतर्गत अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। साथ ही पिछले वर्ष के लाभार्थी किसान वही फसल लगाकर भी लाभ ले सकते हैं।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि इस सत्र में सरकार का एक लाख एकड़ भूमि पर वैकल्पिक फसलों को बढ़ावा देने का लक्ष्य है, जिसमें धान के स्थान पर मक्का, कपास, अरहर, मूंग, ग्वार, उड़द, सोयाबीन, तिल, अरंडी, मूंगफली, प्याज, चारा, सब्जियां, बागवानी फसलें, पोपलर, यूकेलिप्टस (एग्रो फोरेस्ट्री) के साथ-साथ खेत को खाली छोडऩे पर भी किसानों को लाभ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए 8 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि किसानों को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पर पंजीकरण और फसल सत्यापन के बाद सीधे बैंक खाते में दी जाएगी।
उपायुक्त डा. हरीश कुमार वशिष्ठ ने किसानों से आह्वान किया कि वे धान की फसल के स्थान पर वैकल्पिक फसलों को लगाकर फसल चक्र को बदलने का काम करें, जिससे मिट्टी का स्वास्थ्य भी सुधरेगा। इसके साथ-साथ किसानों के लाभार्थ फसल का ब्यौरा करने पर सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर वैकल्पिक फसलों की शत प्रतिशत खरीद सुनिश्चित करेगी।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पलवल के उप निदेशक डा. अनिल सहरावत ने अपने अधीनस्थ पलवल, होडल, हथीन व हसनपुर के खंड कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल शक्ति अभियान के अंतर्गत किसान जागरूकता शिविरों के माध्यम से फील्ड स्टाफ सरकार की किसान हितैषी योजनाओं का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें।
हिन्दुस्थान समाचार / गुरुदत्त गर्ग



