पवन शर्मा ने अनुच्छेद 370 और राज्य के दर्जे पर कश्मीरियों को गुमराह करने के लिए उमर अब्दुल्ला सरकार की आलोचना की

जम्मू, 10 नवंबर (हि.स.)। हाल ही में एक बयान में वरिष्ठ भाजपा नेता और डोडा के प्रभारी पवन शर्मा ने अनुच्छेद 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे की बहाली के बारे में कश्मीर के लोगों को कथित रूप से गुमराह करने के लिए उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार की तीखी आलोचना की है।

शर्मा का दावा है कि अब्दुल्ला के प्रशासन द्वारा प्रचारित गलत धारणाओं ने कई कश्मीरियों को अनुच्छेद 370 की आसन्न वापसी पर विश्वास करने के लिए प्रेरित किया है जिसे अगस्त 2019 में निरस्त कर दिया गया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्णय पूरी तरह से मोदी सरकार के पास है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह कदम उचित समय पर उठाया जाएगा जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने संसदीय सत्रों के दौरान वादा किया था।

शर्मा ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में भाजपा विधायकों के साथ किए गए व्यवहार पर निराशा व्यक्त की और इसे कथित बदसलूकी को निंदनीय और अस्वीकार्य बताया। उन्होंने कहा कि यह व्यवहार लोकतांत्रिक जनादेश के प्रति अनादर दिखाता है और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला है। उन्होंने घटना पर तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और स्पीकर द्वारा चुप्पी साधे रखने की आलोचना की और लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति जवाबदेही और सम्मान का आह्वान किया।

इसके अतिरिक्त शर्मा ने विधानसभा में एनसी-कांग्रेस गठबंधन द्वारा पारित अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक प्रस्ताव के विरोध में आवाज उठाने के लिए भाजपा विधायकों की प्रशंसा की। उन्होंने विधान मंडल की गरिमा को बनाए रखने और इसकी विश्वसनीयता को कम करने वाली किसी भी कार्रवाई के खिलाफ मजबूती से खड़े होने की भाजपा की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा

   

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