गढ़बोर चारभुजा के लिए 30वें साल परम्परागत ड्रेस में रवाना हुवे पदयात्री

चित्तौड़गढ़, 9 मार्च (हि.स.)। सत्संग मंडल चित्तौड़गढ़ की अनवरत 30 साल से चल रही परंपरा अनुसार शहर से इस बार भी गढ़बोर श्री चारभुजाजी पैदल यात्रा रविवार को रवाना हुई। जत्थे में इस बार भी पदयात्री शामिल हुए। गांधी चौक से यात्रा के पहले पड़ाव झांतलामाताजी तक करीब 10 किलोमीटर के रास्ते में 20 से अधिक जगह पदयात्रियों का गर्मजोशी से स्वागत हुआ।

यह पदयात्रा चित्तौड़गढ़ निवासी नंदलाल ईनाणी, उद्धव दास रोगानी और दुर्गाशंकर शर्मा दुर्ग वालों ने 1995 में बाराबंकी के संत स्वामी रामदास महाराज की प्रेरणा से शुरू की थी, जो अनवरत जारी है। पदयात्री व अन्य श्रद्वालु रविवार को गांधी चौक में एकत्र हुए। यहां सभी ने मुरलीधर मंदिर में सामूहिक दर्शन के साथ भजन गाते हुए ठाकुरजी को रिझाया। मंदिर के बाहर संक्षिप्त समारोह में पूर्व नगर परिषद चेयरमैन महेश ईनाणी, पार्षद हरीश ईनाणी, एडवोकेट सत्यनारायण ईनाणी, ऋषि ईनाणी, पतंजलि जिला प्रभारी योग गुरु सुरेश शर्मा, मोक्षधाम समिति के ओमप्रकाश बजाज, सुनील कुमार, पूर्व पार्षद कन्हैयालाल वैष्णव, रमेश अग्रवाल, जगदीश ईनाणी, विदेश जीनगर, हिन्दू संग़ठन से जुड़े श्रवण सोनी सहित कई शहरवासियों ने पदयात्रियों का अभिनंदन किया। कैप्टन सुरेश ईनाणी ने पैदल यात्रा का संचालन करते हुए यात्रा शेड्यूल व रूट की जानकारी दी। सत्संग व्यवस्थापक 85 वर्षीय उद्धवदास रोगानी व 65 वर्षीय भगवती प्रसाद शर्मा दुर्ग वाले समेत कई श्रद्वालु लगातार 30 वें साल पदयात्रा में शामिल हुए। गांधी चौक से रवानगी के साथ ही पदयात्रा के स्वागत का क्रम शुरू हुआ। पदयात्री सेना से रिटायर कैप्टन व मार्बल उघमी सुरेश ईनाणी ने बताया कि पदयात्री चाहे किसी उम्र का या पेशे से जुड़ा हो सफेद कुर्ता, धोती के साथ सिर पर एक रंग की पगड़ी और गले का दुपट्टा ओढ़े रहना पूरी यात्रा में इनका यही ड्रेस कोड रहता है।पदयात्रा में उद्धवदास रोगानी, कैप्टन सुरेश ईनाणी, नारायण बल्दवा, हरनारायण अजमेरा, मुकेश लोंगड, श्यामदास वैष्णव, श्याम ईनाणी, गोविंद माहेश्वरी, दीपक तोषनीवाल, अरविंद सोमानी बस्सी, रामेश्वर चौधरी, ताराचंद खटीक, शिवनारायण भट्ट, ओंकारदास वैष्णव, राजकुमार सेन, ओमपकाश सोनी, प्रेम सालवी, अनिल टेलर, आशीष नुवाल, सत्यनारायण कुमावत, विनायक, संदीप सोनी, मुकेश काबरा, सत्यनारायण बाथरा, भंवरलाल कुमावत सहित अन्य पदयात्री शामिल हुए। यात्रा का पहला पड़ाव कपासन मार्ग स्थित झांतला माताजी तक चलता रहा। करीब 20 से अधिक जगह लोगों व विविध संगठनों ने जत्थे का स्वागत किया। इससे बाजार में फूलों की चादर बिछ गई। पदयात्री व साथ चल रहे श्रद्वालु भजनों के साथ जयकारे लगाते हुवे चल रहे थे। पदयात्रा में बड़ी संख्या में परिजन व अन्य लोग झांतलामाताजी तक विदा करने गए। यहां भोजन व विश्राम के बाद यात्रा रविवार दोपहर तीन बजे बाद बनाकिया के लिए रवाना हुई।

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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल

   

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