चारधाम यात्रा में होगी पोस्टग्रेजुएट मेडिकल ट्रेनी डॉक्टरों की तैनाती, एनएमसी से मिली मंजूरी

-पीजी डॉक्टरों को मिलेगा डीआरपी प्रमाणपत्र, तीर्थयात्रियों को विशेषज्ञ सेवाए

देहरादून, 13 अप्रैल (हि.स.)। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने चारधाम यात्रा में पोस्टग्रेजुएट मेडिकल ट्रेनी डॉक्टरों की स्वैच्छिक तैनाती को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार के प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया है।

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के दिशा-निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग चारधाम यात्रा में उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह तैयार है। पहली बार एमडी, एमएस और डीएनबी जैसे कोर्स कर रहे पोस्टग्रेजुएट चिकित्सक इस धार्मिक यात्रा के दौरान सेवा देकर डिस्ट्रिक्ट रेजीडेंसी प्रोग्राम (डीआरपी) प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे।

एनएमसी ने स्पष्ट किया है कि यात्रा के दौरान दी गई सेवाएं क्लीनिकल रोटेशन या डीआरपी के अंतर्गत मान्य होंगी और डॉक्टरों को इसके लिए अलग से तीन माह की ट्रेनिंग नहीं करनी पड़ेगी। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि यह निर्णय न केवल तीर्थयात्रियों के लिए उपयोगी है, बल्कि प्रशिक्षु डॉक्टरों को उच्च हिमालयी चिकित्सा और आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने का व्यावहारिक अनुभव भी देगा। स्वास्थ्य विभाग सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करेगा ताकि यह पहल प्रभावी ढंग से लागू हो सके।

हिमालयी चिकित्सा का प्रशिक्षण और सेवाभाव का अनुभव

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के सचिव डॉ. राघव लांगर ने कहा कि यह एक बेहतरीन उदाहरण है, जहां शैक्षणिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र का समन्वय समाजहित में उपयोगी सिद्ध हो रहा है। चारधाम यात्रा के दौरान अत्यधिक भीड़, मौसम की प्रतिकूलता और भौगोलिक कठिनाइयों के बीच चिकित्सकों का योगदान महत्वपूर्ण रहेगा।

देशभर से मिल रही है भागीदारी की इच्छा

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की स्वीकृति के बाद देशभर के मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों से प्रशिक्षु डॉक्टरों की भागीदारी के लिए सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। युवा डॉक्टर इस पहल को सेवाभाव और करियर विकास दोनों के लिहाज से एक महत्वपूर्ण अवसर मान रहे हैं। यह पहल संघीय शासन के सिद्धांतों पर आधारित एक उत्कृष्ठ उदाहरण बनकर उभरी है, जहां राज्य और केंद्र सरकार मिलकर एक धार्मिक यात्रा को सुरक्षित और सुचारु बनाने के लिए नवाचार और भागीदारी आधारित समाधान विकसित कर रहे हैं।

युवा डॉक्टरों को सेवाभाव के साथ प्रशिक्षण का अद्वितीय अवसर: धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार का संकल्प है कि चारधाम यात्रा न केवल श्रद्धा की यात्रा हो, बल्कि सुरक्षा और सुविधा की दृष्टि से भी एक मिसाल बने। एनएमसी की स्वीकृति ऊर्जा का स्रोत है और यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर जनता के हित में निर्णायक कार्य कर रही हैं। यह पहल न केवल तीर्थयात्रियों को सशक्त स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि युवा डॉक्टरों को सेवाभाव के साथ प्रशिक्षण का अद्वितीय अवसर भी देगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal

   

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