पेड़-पक्षी व जीव को संरक्षित करना जनजातियों की संस्कृति : महेश रावटे

धमतरी, 19 नवंबर (हि.स.)। महर्षि वेदव्यास शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय भखारा में आज मंगलवार को जनजातीय गौरव माह के अंतर्गत महाविद्यालय में एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महेश रावटे ने जनजाति संस्कृति के बारे बताया।

उनकी संस्कृति प्रकृति से जुड़ी हुई है। पेड़, पक्षी एवं जीव को संरक्षित करना उनकी संस्कृति है। जनजातियों की जीवन शैली तथा जनजाति विद्रोह पर पर प्रकाश डाला गया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डा मुरली मनोहर देवांगन द्वारा जनजाति गौरव दिवस मनाने का उद्देश्य व्हिटमैन बर्डन थ्योरी, प्रकृतिवाद, पंचतत्व, एक सर के पीछे एक वृक्ष, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, जननायक, जनजाति के उद्गम के संदर्भ में,जनजातियों के सामाजिक,आर्थिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक स्थिति, स्वतंत्रता संग्राम में प्रकाश डालते हुए जनजातियों की भूमिका, परकोट विद्रोह, डिकल्चराइजेशन, संस्कृति को वापस लाना होगा तथा आने वाली पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ने का कार्य, पंच परमेश्वर जैसी न्याय व्यवस्था, समाज में महिलाओं की स्थिति, इतिहास,संस्कृति को पुनः जीवित करने के लिए अपने विचार व्यक्त किए। अध्यक्ष्यीय भाषण में महाविद्यालयीन डा संजय शर्मा ने जनजातीय समाज की संस्कृति पर प्रकाश डाला।

ठाकुर राम नेताम ने शहीद वीर नारायण सिंह, बिरसा मुंडा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नेताम द्वारा सुआ गीत, गौरा गीत, हरेली का उद्देश्य, बिरसा मुंडा के इतिहास, गोरिल्ला लड़ाई के बारे में बताया। तत्पश्चात महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने जनजाति समाज से संबंधित कार्यक्रम पर प्रस्तुति दी। अंत में कार्यक्रम के संयोजक डा लेखराम डोंगरे ने जनजातीय समाज वर्तमान स्थिति पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राध्यापकगण, समस्त अतिथि व्याख्याता, महाविद्यालयीन कर्मचारी सहित महाविद्यालय छात्रा छात्राएं सम्मिलित हुए।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

सम्बंधित खबर