प्रारंभिक और उच्च शिक्षा निदेशालय के विलय के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ, प्रदर्शन का एलान

शिमला, 25 अप्रैल (हि.स.)। हिमाचल सरकार द्वारा प्रारंभिक और उच्च शिक्षा निदेशालयों को मर्ज कर एक संयुक्त निदेशालय बनाने के फैसले से प्राथमिक शिक्षक संघ आक्रोशित हो गया है। इस के विरोध में राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने 26 अप्रैल (शनिवार) को राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान में प्रदेशव्यापी धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया है। प्रदर्शन को लेकर प्रदेशभर से शिक्षकों के शिमला पहुंचने की संभावना है।

सरकार की ओर से इस प्रदर्शन को रोकने के लिए प्राथमिक शिक्षक संघ को नोटिस जारी कर प्रदर्शन से बाज आने को कहा गया है। नोटिस में चेताया गया है कि अगर धरना हुआ तो उसमें शामिल शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस पर शिक्षक संघ ने दो टूक कह दिया है कि सरकार चाहे तो उन्हें निलंबित कर दे लेकिन प्रदर्शन होकर रहेगा।

प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि सरकार शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की बात कर रही है, लेकिन प्रारंभिक और उच्च शिक्षा निदेशालय को मिलाना एक बेहद अव्यवस्थित निर्णय है। इससे शिक्षा की बुनियादी संरचना प्रभावित होगी और प्रदेश ने जो शैक्षणिक उपलब्धियां अब तक हासिल की हैं, वे कमजोर पड़ सकती हैं।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1984 में हिमाचल में प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय की स्थापना विशेष तौर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए की गई थी। इसके बाद से राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में देशभर में विशेष पहचान बनाई है। ऐसे में अब दो अलग-अलग व्यवस्थाओं को मिलाकर एक करना न तो शिक्षकों के हित में है और न ही विद्यार्थियों के।

संघ अध्यक्ष ने बताया कि सरकार से इस मुद्दे पर कई बार संवाद किया गया लेकिन हर बार आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। अब जब सरकार ने एकतरफा फैसला लिया है तो शिक्षक सड़क पर उतरने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रदर्शन रोकने का प्रयास शिक्षक समुदाय को डराने जैसा है लेकिन अब शिक्षक पीछे हटने वाले नहीं हैं।

संघ ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर प्रदर्शन के चलते कार्रवाई की गई तो प्रदेश भर के शिक्षक अगले आदेश तक केवल पठन-पाठन का कार्य करेंगे और अन्य सभी ऑनलाइन एवं प्रशासनिक कार्यों से खुद को अलग कर लेंगे।

इस प्रदर्शन के दौरान प्राथमिक शिक्षक अन्य लंबित मांगों को भी सरकार के सामने उठाएंगे। संघ का कहना है कि यह प्रदर्शन किसी राजनीतिक उद्देश्य के लिए नहीं, बल्कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की रक्षा के लिए है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा

   

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