डीएसपी गुरशेर सिंह बर्खास्तगी- लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। पंजाब सरकार ने निलंबित डीएसपी गुरशेर सिंह की बर्खास्तगी को मंजूरी दे दी है।
सरकार ने फाइल पीपीएस को भेज दी है। एजी ने कोर्ट में यह जानकारी दी है। सरकार ने इस मामले में कोर्ट को बताया कि उसने डीएसपी गुरशेर सिंह की बर्खास्तगी को मंजूरी दे दी है। यह कार्रवाई एसआईटी रिपोर्ट के आधार पर की गई है। इसके साथ ही इस मामले की सुनवाई भी चल रही है।
इस बीच, हाईकोर्ट ने फिर सवाल किया कि जब लॉरेंस के इंटरव्यू का मुद्दा उठा तो डीजीपी पंजाब ने यह क्यों कहा कि इंटरव्यू पंजाब में नहीं हुआ? उन्होंने किस आधार पर ऐसा कहा? कोर्ट ने कहा कि जेल विभाग डीजीपी के अधीन नहीं आता। ऐसे में उन्होंने ऐसा बयान कैसे दिया?
डीजीपी को पंजाब की जेलों को क्लीन चिट देने की इतनी जल्दी क्यों थी? कोर्ट ने कहा कि अगर कोई गलती हुई है तो उसे स्वीकार किया जाना चाहिए। एसएसपी के बारे में कोर्ट ने कहा कि वह उस जिले के मुख्य अधिकारी हैं। उन्हें सस्पेंड किया जाना चाहिए। इस पर सरकारी वकील ने कहा कि एसआईटी ने उनकी कोई भूमिका सामने नहीं आई है। उन्हें पब्लिक डीलिंग के पद से पहले ही हटाया जा चुका है। कोर्ट ने लॉरेंस को लंबे समय तक सीआईए खरड़ में रखने के बारे में सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा कि इसकी भी जांच होनी चाहिए।
लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को प्रसारित हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या करवाने की बात स्वीकार की थी। अपने दूसरे इंटरव्यू में लॉरेंस ने जेल के अंदर से इंटरव्यू देने के सबूत भी दिए। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर जाने की इजाजत नहीं है लेकिन उसका मोबाइल फोन भी उसके साथ आता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि जेल के गार्ड रात को बहुत कम आते-जाते हैं, इसलिए वे रात को फोन करते हैं। लॉरेंस ने अंदर से आने वाले मोबाइलों के बारे में भी जानकारी दी। लॉरेंस के मुताबिक, जेल के अंदर बाहर से मोबाइल फोन फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ लेता है लेकिन ज्यादातर बार मोबाइल फोन उनके पास पहुंच जाता है।