पथ संचलन के साथ आरएसएस बिश्वनाथ जिले का शताब्दी चेतना शिविर संपन्न

आरएसएस बिश्वनाथ जिला का शताब्दी चेतना शिविर में उपस्थित स्वयंसेवक।

बिश्वनाथ (असम), 29 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), बिश्वनाथ जिले में आयोजित तीन दिवसीय शताब्दी चेतना शिविर का रविवार को कमलाकांत क्षेत्र में पथ संचलन के साथ समापन हो गया।

जानकारी के अनुसार इस वर्ष भी आरएसएस, बिश्वनाथ जिला ने सौ वर्ष पूरा होने पर अपना शताब्दी चेतना शिविर लगाया। यह शिविर 27, 28 और 29 दिसंबर को बिश्वनाथ चाराली स्थित शंकरदेव शिशु- विद्या निकेतन में आयोजित किया गया। आज बिश्वनाथ जिले में आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ बिश्वनाथ चाराली में कमलाकांत क्षेत्र में अंतिम दिन पथ संचलन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

पथ संचलन के पूर्व कमलाकांत क्षेत्र में स्वयंसेवकों ने ध्वजप्रणाम के साथ अमृत वाणी, गीत और बौद्धिक दिया। बौद्धिक के रूप में आमंत्रित उत्तर असम प्रांत सह प्रांत प्रचारक दिलीप अर्जेल ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सौ वर्ष में प्रवेश किया फिर भी हमारे बहुत सारे कार्य व आयाम का विस्तार गांवों तक पहुंचाना है। हमें भारत माता की सेवा के लिए प्रत्येक गांव में स्वयंसेवक सृष्टि करना है। इसके आलावा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का परिचय के साथ विविध आयाम पर प्रकाश डाले।

प्रथम दिवस के उद्घाटन सत्र में बौद्धिक के रूप में आमंत्रित तेजपुर विभाग कार्यवाह सत्यव्रत बरुवा ने स्वयंसेवकों को संबोधन दिया। संबोधन में संघ के ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के साथ भारतीय ज्ञान परंपरा तथा विरासत पर सारगर्भित व्याख्यान दिया गया।

इस तीन दिवसीय शताब्दी चेतना शिविर में उत्तर असम प्रांत सह प्रांत प्रचारक दिलीप अर्जेल, जिला संघ संचालक गोपाल बोरा, जिला कार्यवाह अनिल बरुवा, जिला व्यवस्था प्रमुख छत्तर सिंह पवार, जिला सह बौद्धिक प्रमुख दीनकांत दास, जिला बौद्धिक प्रमुख दीपांकर देवनाथ, जिला शारीरिक प्रमुख रूद्र सुनारी, बिश्वनाथ नगर कार्यवाह अपूर्व कुमार दास, जिला के दस खंड के खंड कार्यवाह के साथ लगभग छह सौ स्वयंकसेवक मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय

   

सम्बंधित खबर