वीर बाल दिवस पर सिख इतिहास में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि : बाजवा

--आरएसएस ने संघ कार्यालय में किया वीर बाल दिवस पर संगोष्ठी आयोजितप्रयागराज, 26 दिसम्बर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रयागराज विभाग द्वारा गुरुवार को संघ कार्यालय आनंदा आश्रम में वीर बाल दिवस पर संगोष्ठी आयोजित हुई। गुरु गोबिंद सिंह के वीर पुत्रों साहिबजादा जोरावर सिंह और फतेह सिंह के महान बलिदान को श्रद्धा और सम्मान के साथ स्मरण किया गया। दक्षिण भाग के सह संघचालक मिल्कियत सिंह बाजवा ने बताया कि हर वर्ष 26 दिसम्बर को साहिबजादों के बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सिख इतिहास और भारतीय संस्कृति में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर गुरु गोबिंद सिंह के दो पुत्रों जोरावर सिंह और फतेह सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। जिन्होंने नन्ही उम्र में धर्म और सिद्धांतों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। गुरु गोबिंद सिंह जो सिखों के दसवें गुरु थे, उन्होंने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनके परिवार का बलिदान आज भी भारतीय इतिहास में त्याग निष्ठा और वीरता का अनुपम उदाहरण है।

उनके छोटे साहिबजादों ने मुगल शासकों के सामने झुकने से इनकार कर दिया और अत्याचार के विरुद्ध डटकर खड़े रहे। मुगल साम्राज्य के दौर में गुरु गोबिंद सिंह के चार पुत्र जिन्हें चार साहिबजादे के नाम से जाना जाता है धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देकर अमर हो गए। साहिबजादा अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह चारों वीरों ने खालसा पंथ के सिद्धांतों का पालन करते हुए सिख समुदाय की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। 1699 में गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की। जिसका उद्देश्य धार्मिक स्वतंत्रता और मानव अधिकारों की रक्षा करना था।

उन्होंने आगे कहा कि साहिबजादों के बलिदान को सम्मानित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसम्बर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। यह दिवस हमें न केवल साहिबजादों के अद्वितीय बलिदान की याद दिलाता है। बल्कि हमारे बच्चों और युवाओं को साहस निष्ठा और कर्तव्यपरायणता की प्रेरणा भी देता है। यह दिवस हमें धर्म सत्य और न्याय की रक्षा के लिए अडिग रहने की प्रेरणा देता है।

कार्यक्रम में साहिबजादों के जीवन और बलिदान पर चर्चा करते हुए वक्ताओं ने उनके सिद्धांतों से प्रेरणा लेने और उनकी गाथा को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में प्रयागराज विभाग के विभाग प्रचारक आदित्य, मुख्य स्थाई अधिवक्ता शीतला प्रसाद गौड़, विभाग कार्यवाह डॉ संजय, सह विभाग कार्यवाह आशीष मोहन, दक्षिण भाग सह संघचालक मिल्कियत सिंह बाजवा, दक्षिण भाग कार्यवाह मनोज, दक्षिण भाग प्रचारक देवदत्त, शरद गुप्त आदि शामिल रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र

   

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