छत्तीसगढ़ डीएमएफ घाेटाला : रानू साहू और माया वारियर की न्यायिक रिमांड सत्रह दिसंबर तक बढ़ी

रायपुर, 10 दिसंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के चर्चित जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) घोटाला मामले में निलंबित आईएएस रानू साहू और माया वारियर को मंगलवार काे कोर्ट में पेश किया गया। दोनों आरोपितों को ईडी के विशेष कोर्ट में पेश किया गया। ईडी के अधिवक्ता साैरभ पांडे ने बताया कि रानू साहू और माया की न्यायिक रिमांड सत्रह दिसंबर तक बढ़ गई है।

उल्लेखनीय है कि रानू साहू जून 2021 से जून 2022 तक कोरबा में कलेक्टर थीं । इसके बाद फरवरी 2023 तक वह रायगढ़ की भी कलेक्टर रहीं। इस दौरान माया वारियर भी कोरबा में पदस्थ थीं। कलेक्टर रानू साहू से करीबी संबंध होने के कारण कोयला घोटाले को लेकर माया वारियर के दफ्तर और घर में ईडी ने छापा मारा था। डीएमएफ की बड़ी राशि आदिवासी विकास विभाग को प्रदान की गई थी, जिसमें घोटाले का आरोप है। इसका प्रमाण मिलने के बाद ईडी ने माया वारियर को भी गिरफ्तार किया।

प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है। इस केस में यह तथ्य निकल कर सामने आया है कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमित की गई है। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया है।

जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि टेंडर की राशि का 40 प्रतिशत सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में इसके लिए दिया गया है। प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20 फीसदी अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने लिया है। ईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि आईएएस अधिकारी रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया था।

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हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा

   

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