रतन टाटा के जाने से बहुत बड़ा शून्य पैदा हुआ, जिसे भरा नहीं जा सकता : मुख्यमंत्री डॉ. सरमा

गुवाहाटी, 10 अक्टूबर (हि.स.)। असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने देश अग्रणी उद्यमी रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। सोशल मीडिया फेसबुक पर एक पोस्ट और कुछ पुरानी तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा है कि रतन टाटा जी की विरासत करुणा, स्टेटमैनशिप और भारत की विकास गाथा में अडिग विश्वास की विरासत है। उनका जीवन उद्यम निर्माण और समाज को वापस देने से परिभाषित है। उनके निधन से असम के लोगों ने अपने सबसे बड़े शुभचिंतकों में से एक को खो दिया है। उनके निधन से एक बहुत बड़ा शून्य पैदा हो गया है जिसे कभी भरा नहीं जा सकता।

असम के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित रतन टाटा ने असम के लोगों के दिलों और दिमाग में एक विशेष स्थान बनाया। उन्होंने असम के कल्याण के लिए आस्था की एक बड़ी छलांग लगाई। वह राज्य में स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के लिए बहुत भावुक थे और उनके विजन के साथ हमने असम कैंसर केयर फाउंडेशन को जन्म दिया। उन्होंने जगीरोड में टाटा की सेमीकंडक्टर सुविधा स्थापित करने और हमारे युवाओं के लिए कई रोजगार के अवसर पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मेरे लिए यह एक व्यक्तिगत क्षति है। उनके साथ मेरी हर बातचीत ने मुझे समझदार बनाया, सबसे हाल ही में जब मैं सेमीकंडक्टर परियोजना के लिए उन्हें धन्यवाद देने और औद्योगिक आधार के रूप में असम की क्षमताओं में विश्वास करने के लिए मुंबई में उनसे मिलने गया था। उनकी सादगी और विनम्रता ऐसी चीज है जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगा।

मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं टाटा परिवार के सदस्यों और पूरे देश के साथ हैं जो एक प्रेरणादायी नेता के निधन पर शोक मना रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय

   

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