राशन कार्ड से बैंक खाता जोड़ने पर पश्चिम बंगाल सरकार को ऐतराज नहीं
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- Mar 12, 2025

कोलकाता, 12 मार्च (हि.स.)।पश्चिम बंगाल सरकार ने राशन कार्ड को बैंक खाते से जोड़ने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर कोई आपत्ति नहीं जताई है। हालांकि, इस फैसले से राशन डीलर और किसान संगठनों में चिंता बढ़ गई है। उनका मानना है कि इस कदम से राशन प्रणाली को धीरे-धीरे खत्म कर सीधे बैंक खातों में नकद सब्सिडी ट्रांसफर करने का रास्ता खुल सकता है।
यह प्रस्ताव 28 फरवरी को केंद्रीय खाद्य सचिव और राज्य के खाद्य सचिवों के बीच हुई बैठक में रखा गया था। केंद्र ने सुझाव दिया कि अब राशन कार्ड को सीधे बैंक खातों से जोड़ा जाए। इसे लेकर सवाल उठने लगे कि क्या भविष्य में अनाज वितरण बंद कर दिया जाएगा और उसकी जगह नगद भुगतान शुरू होगा? बंगाल सरकार ने इसका विरोध नहीं किया, बल्कि सुझाव दिया कि राशन कार्ड धारकों के बैंक खाते की जानकारी आधार से प्राप्त की जा सकती है, क्योंकि आधार पहले ही राशन कार्ड से जुड़ा हुआ है।
पहले से ही राशन कार्ड को आधार से जोड़ा जा चुका है और बैंक खातों को भी नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के माध्यम से आधार से जोड़ा गया है। पश्चिम बंगाल खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को भेजे पत्र में सुझाव दिया कि बैंक खातों की जानकारी अलग से लेने के बजाय एनपीसीआई से ही प्राप्त की जा सकती है।
राज्य सरकार के इस रुख से हालांकि केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के वित्तीय एकीकरण को बल मिलता है, लेकिन इससे कई पक्षों में असंतोष भी उभर रहा है। ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन को आशंका है कि यह योजना राशन वितरण को पूरी तरह खत्म करने की दिशा में उठाया गया कदम हो सकता है। संगठन के महासचिव विश्वंभर बसु ने कहा, ऐसा लग रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले कुछ शीर्ष सरकारी अधिकारी राज्य सरकार को अंधेरे में रखकर केंद्र के इशारे पर खाद्य साथी योजना को बंद करने की साजिश रच रहे हैं। इससे सिर्फ राशन योजना ही नहीं, बल्कि किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदने की नीति भी प्रभावित हो सकती है।
वर्ष 2017-18 में भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक खातों को आधार और पैन कार्ड से जोड़ना अनिवार्य कर दिया था, लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जिन बैंक खातों में सरकारी सब्सिडी जमा नहीं हो रही है, उन्हें आधार से जोड़ने की जरूरत नहीं है। हालांकि, अधिकांश बैंक अब भी आधार को खातों से जोड़ने पर जोर देते हैं और यह प्रक्रिया एनपीसीआई के माध्यम से ही होती है। ऐसे में पश्चिम बंगाल सरकार का ताजा रुख यह संकेत देता है कि वह केंद्र की इस पहल को आधार के जरिए लागू करने के लिए तैयार है, लेकिन बैंक खातों की अलग से जानकारी नहीं लेने के पक्ष में है।
चूंकि 2026 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में यह फैसला राजनीतिक बहस का मुद्दा बन सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर