कारीगरों और बुनकरों का सम्मान जरूरी : राज्यपाल आनंदी बेन पटेल

- राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश डिजाइन एवं शोध संस्थान, लखनऊ के नवनिर्मित भवन का किया लोकार्पण

लखनऊ,06 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को कला एवं शोध को समर्पित उत्तर प्रदेश डिजाइन एवं शोध संस्थान, लखनऊ के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया।

उन्होंने संस्थान द्वारा कला, डिजाइन और शोध के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की और इसे प्रदेश के कारीगरों, बुनकरों और हस्तशिल्पियों के लिए महत्वपूर्ण बताया।

उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा कारीगरों और बुनकरों को उन्नत तकनीकी और कौशल का प्रशिक्षण देकर उनके उत्पादों में आधुनिकता और पारंपरिकता का समन्वय किया जा रहा है। इससे उनके उत्पादों की बाजार में मांग बढ़ रही है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। संस्थान ने ‘एक जिला-एक उत्पाद’, ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ और अन्य सरकारी योजनाओं के अंतर्गत अब तक 35 जिलों के लगभग 75,000 से अधिक कारीगरों और बुनकरों को प्रशिक्षित किया है।

संस्थान निर्धन और जरूरतमंद महिलाओं के लिए विशेष बैच चलाकर उन्हें कार्यात्मक प्रशिक्षण प्रदान करे, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने कहा कि यह प्रयास समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान होगा।

राज्यपाल ने क्राफ्टरूट्स संस्था द्वारा हस्तशिल्प कलाओं को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने और टेक्निकल सपोर्ट के लिए आईआईटी, कानपुर के साथ किए गए समझौते की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश के 22 से अधिक राज्यों की लगभग 70 से अधिक हस्तकलाओं एवं कारीगरों के उन्नयन के लिए संस्था कार्य कर रही है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग द्वारा स्टार्टअप्स को बढ़ावा देकर युवाओं को रोजगार प्रदाता के रूप में तैयार किया जा रहा है।

कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने हस्तशिल्प के महत्व और कारीगरों की भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि हस्तशिल्प का कार्य अत्यधिक मेहनत और समय लेने वाला होता है। कारीगर और बुनकर हमारी संस्कृति और कलाओं को पीढ़ी दर पीढ़ी संरक्षित करने का कार्य करते हैं। हाथों से बनी वस्तुएं अमूल्य होती हैं और इन कारीगरों का सम्मान होना चाहिए, क्योंकि वे हमारी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री मोदी विदेश दौरों के दौरान भारतीय हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्तुओं को उपहार स्वरूप भेंट करके उनकी विशेषताओं को दुनिया के सामने प्रस्तुत करते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि कारीगरों और बुनकरों से संवाद करना और उनके अनुभवों से सीखना आवश्यक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हस्तशिल्प के उत्पादों की कीमत उनके निर्माण में लगने वाले समय और मेहनत के आधार पर तय की जानी चाहिए।

कार्यक्रम में राज्यपाल ने उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया और उनके कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने बच्चों को बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित किया और उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विभिन्न कारीगरों द्वारा लगाए गए स्टालों का भ्रमण किया और उनके अद्वितीय कौशल और कलाकृतियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री राकेश सचान ने अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कला एवं कौशल को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

उत्तर प्रदेश डिजाइन एवं शोध संस्थान की अध्यक्ष क्षिप्रा शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री जी की ‘‘वोकल फाॅर लोकल’’ से ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ के सपने को साकार करने का सपना संजोए यह संस्थान आगे बढ़ रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / दीपक

   

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