दस हजार साधु-संत गंदे पानी से गुजरेंगे, साफ नहीं हुआ ताे आंदोलन की चेतावनी

भरतपुर, 14 नवंबर (हि.स.)। डीग जिले के कामां थाना इलाके के बरौली धाऊ गांव में घुटनों तक गंदा पानी भरा हाेने के कारण बरौली धाऊ गांव के संत धर्मशरण ब्रजवासी बाबा ने नाराजगी जाहिर करते हुए चेतावनी दी है। उन्हाेंने कहा कि ब्रज की चौरासी कोस परिक्रमा शुरू हो चुकी है। 10 हजार साधु-संतों का दल रमेश बाबा के नेतृत्व में शनिवार सुबह राजस्थान के डीग जिले के कामां थाना इलाके के बरौली धाऊ गांव से गुजरेगा। यह गांव चौरासी कोस परिक्रमा के रास्ते में पड़ता है। गांव के रास्तों पर दलदल और कीचड़ है। पदयात्रियों का इस पानी में से गुजरना मुश्किल है। हमने कई बार सरकार को नोटिस दिया। कलेक्टर और एसडीएम से भी शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

उन्हाेंने बताया कि अगले 24 घंटे में रमेश बाबा की पदयात्रा आ रही है जिसमें 10 हजार साधु संत शामिल हैं। यात्रा शनिवार को बरौली धाऊ गांव से गुजरेगी। अगर यात्रा पहुंचने से पहले रास्ता साफ नहीं हुआ तो इतना बड़ा हंगामा होगा जैसा पसोपा धाम में हुआ था। वहां बाबा विजयदास ने आत्मदाह कर लिया था। उन्हाेंने पूछा कि क्या बीजेपी सरकार भी साधु की बलि चाहती है। अगर सरकार साधु की बलि चाहती है तो मेरा नाम लिख लो। लास्ट चेतावनी दे रहा हूं अगर रास्ता साफ नहीं हुआ तो ऐसा आंदोलन होगा जिसमें न जाने कितने साधु मरेंगे और कितने भक्त मरेंगे। जो कुछ होगा उसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। यहां लोग मजबूरी में कमर-कमर पानी में से निकल रहे हैं। कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि रास्ता साफ कराए। वरना 24 घंटे बाद सरकार को साधुओं की बॉडी उठाकर लानी पड़ेगी।

डीग जिले के कामां थाना इलाके के बरौली धाऊ गांव में सड़कों पर घुटनों-घुटनों तक पानी भरा हुआ है। शनिवार को गांव से 84 कोस की परिक्रमा निकलनी है। साधु संतों को गंदे पानी से निकलकर परिक्रमा करनी होगी। प्रशासन गंदे पानी की निकासी के लिए कोई ध्यान नहीं दे रहा। गांव की सड़कों पर नालियों का पानी जमा है। घर से निकलने वाला गंदा पानी भी रोड पर जमा हो रहा है। शनिवार सुबह यहां से परिक्रमा निकलने वाली है। अभी (गुरुवार शाम) रमेश बाबा की पदयात्रा ने भरतपुर की सीमा में एंट्री नहीं की है। एसडीएम दिनेश शर्मा ने बताया कि कामां में कलेक्टर अमित यादव की मीटिंग में यह मुद्दा जन सुनवाई में आया था। कलेक्टर ने ग्राम पंचायत, पीडब्ल्यूडी के विकास अधिकारी और पुलिस प्रशासन को मौके पर जाकर स्थिति देखने को कहा है। बाकी 84 कोस की परिक्रमा बिना किसी व्यवधान के निकलेगी। सरपंच प्रतिनिधि नंदन सिंह गुर्जर ने बताया कि पूरे गांव का गंदा पानी गांव की 84 कोस परिक्रमा मार्ग पर इकट्ठा हो जाता है। आगे ऊंचाई है और रोड के दोनों तरफ मकान बन गए हैं। जिसके कारण पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। इसके लिए प्रशासन के हर अधिकारी से गुहार लगा चुके हैं। प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं देता। शनिवार सुबह 84 कोस की परिक्रमा गांव में पहुंचेगी। गंदे पानी होकर साधुओं को निकालना पड़ेगा।

धर्मशरण ब्रजवासी बाबा राधा मुरली मनोहर महाराज मंदिर के महंत हैं। यह मंदिर कामां के सूरज घाट विमल कुंड में स्थित है। बाबा ने 11 साल की उम्र से घर छोड़ दिया था। इसके बाद वृंदावन में गुरु दक्षिणा ली। तभी संत का जीवन यापन कर रहे हैं। बाबा दिव्यांग हैं। वे गोरक्षा के लिए काम करते हैं। गुरुवार को धर्मशरण ब्रजवासी बाबा ने बाबा विजयदास का उदाहरण देकर कहा कि गंदगी की समस्या का हल नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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