गुणवत्ता पूर्ण पाए सांवलियाजी मंदिर के लड्डू मठड़ी, बाहर दुकानों पर बिक रहा मिलावटी मावा

चित्तौड़गढ़, 21 फ़रवरी (हि.स.)। जिले के प्रख्यात कृष्णधाम श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल की और से बनने वाला लड्डू व मठडी का प्रसाद गुणवत्ता में खरा उतरा है। गत दिनों मंदिर के प्रसाद गृह से लिए गए सेंपल की रिपोर्ट में सब कुछ सही आया है। इसके विपरीत मंडफिया कस्बे में दुकानों पर जो मावा बेचा जा रहा है वह नकली निकला है। खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच में यह सूजी और वनस्पति घी से तैयार मावा निकला है।

जानकारी में सामने आया कि श्री सांवलियाजी मंदिर मंडल की और से बाल भोग के प्रसाद के रूप में लड्डू और मठडी का प्रसाद दिया जाता है। कुछ माह पूर्व खाद्य निरीक्षक चित्तौड़गढ़ घनश्याम शर्मा ने प्रसाद के सैंपल लिए थे। इस जांच में सांवलिया जी मंदिर मंडल के प्रसाद की गुणवत्ता उच्च स्तर पर पाई गई है। प्रसाद के सैंपल जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला उदयपुर द्वारा विभिन्न मानकाें पर सैम्पलों की जांच की गई थी। इसमें सभी मानक पर सांवलियाजी मंदिर का प्रसाद खरा उतरा था। खाद्य निरीक्षक शर्मा ने लड्डू व मठडी के अलावा सागर एवं मैसूर पाक के सैंपल लिए थे। इधर, मंदिर से बाहर की निजी दुकानों पर बिकने वाले मावे व अन्य पदार्थाें में मिलावट सामने आई है। सांवलियाजी कस्बे में बिक रहे मावे के प्रसाद में सूजी, शक्कर और वनस्पति घी सहित अन्य मिलावट की पुष्टि हुई है।बाहर की चार दुकानों से अलग-अलग सैंपल लिए थे। अब इसकी रिपोर्ट के आधार पर अतिरिक्त कलक्टर कार्यालय से फर्जी और नकली पदार्थाें के मामले में नियमानुसार कार्यवाही होगी।

तिरूपति मामले के बाद हुई थी जांच

दरअसल तिरूपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट का मामला सामने आने पर खाद्य सुरक्षा विभाग ने विभिन्न मंदिरों और मंदिर के आसपास बिकने वाले प्रसाद की सामग्री के सेम्पल लिए थे। विभाग द्वारा सांवलिया जी मंदिर मंडल के लड्‌डू, मठड़ी, मैसूर पाक और सागर के सैम्पल लिये गये थे। वहीं मंडफिया कस्बे की चार दुकानों से भी मावे आदि के सैम्पल लिए थे। इनकी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मंदिर मंडल द्वारा बनाया जा रहा प्रसाद उच्च गुणवत्ता का है। इनमें बेसन, शक्कर और शुद्ध घी पाया गया है। वहीं मंडफिया कस्बे की चार दुकानों पर लिए गए सैंपल में मिलावटी पदार्थ पाए गये है। निजी दुकानों से लिए यह चारों सेम्पल फेल हुए है। कस्बे में मिसलीड मावे के नाम से यह प्रसाद बेचे जा रहे है। इसमें सूजी, वनस्पति घी और अन्य पदार्थाें की मिलावट पाई गई है। अब इस मामले में खाद्य सुरक्षा विभाग ने सितम्बर में लिए गये सैम्पलों की रिपोर्ट आने पर प्रकरण अतिरिक्त कलक्टर को सौंप दिया है। यहां इन पर जुर्माने और सजा के प्रावधानों के तहत निर्णय किया जायेगा।

इस आधार पर होती है जांच

नकली खाद्य पदार्थ मावे आदि के विभाग द्वारा सेम्पल लिये जाने के बाद इसे जन स्वास्थ्य प्रयोगशाला में भेजा जाता है। यहां पर 10 पेरामीटर के आधार पर खाद्य पदार्थाें की जांच की जाती है। इसमें स्टार्च, अतिरिक्त शुगर, यूरिया, कार्बाेहाइड्रेट, रंग के लिए कलर, डिटरजेंट पाऊडर, आयोडिन आदि की जांच होती है। खाद्य निरीक्षक की और से लिए गए गए सेम्पल को 40 डिग्री तापमान में रख कर जांच की जाती है। इन सभी जांच में मंदिर मंडल की खाद्य सामग्री गुणवत्तापूर्ण पाई गई है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / अखिल

   

सम्बंधित खबर