सेवक - रंगपो नई रेल लिंक परियोजना, टनल संख्या टी-06 को मिला ब्रेकथ्रू

सेवक - रंगपो नई रेल लिंक परियोजना, टनल संख्या टी-06 को मिला ब्रेकथ्रूसेवक - रंगपो नई रेल लिंक परियोजना, टनल संख्या टी-06 को मिला ब्रेकथ्रू

गुवाहाटी, 08 अगस्त (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग जिला स्थित सेवक-रंगपो रेल परियोजना (एसआरआरपी) की टनल संख्या टी-06 (3943 मीटर) को 6 अगस्त को ब्रेकथ्रू मिला। इस परियोजना का यह एक प्रमुख माइलस्टोन है। इस परियोजना में कुल 14 टनल हैं। इस टनल के बनने से इस परियोजना के 12 टनलों में माइनिंग कार्य सफलता पूर्वक पूरा हो चुका है।

577 मीटर लंबी निकासी सुरंग के साथ मुख्य टनल टी-06 की लंबाई 3943 मीटर है, जो पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग जिला स्थित एनएचपीसी, तीस्ता लोडैम पावर स्टेशन III के पास स्थित है। मुख्य टनल यंग हिमालय के अति संवेदनशील एवं चुनौतीपूर्ण भूगर्भीय और भूकंपीय स्थितियों से होकर गुजरती है। एसआरआरपी में अन्य सभी टनलों की तरह, भू-द्रव्यमान की भेद्यता का मुकाबला करने के लिए यहां नवीनतम और सबसे सॉफिस्टिकेटेड टनलिंग तकनीक यानी न्यू ऑस्ट्रियाई टनलिंग मेथड (एनएटीएम) को अपनाया गया है। सेवक- रंगपो नई रेल लाइन परियोजना का 66 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।

सेवक (पश्चिमबंगाल) और रंगपो (सिक्किम) को जोड़ने वाली सेवक-रंगपो नई रेल लिंक परियोजना लगभग 44.96 किमी लंबी है और इसमें 14 टनल, 13 बड़े पुल, 09 छोटे पुल और 5 स्टेशन शामिल हैं। सबसे लंबी टनल (टी -10) की लंबाई 5.3 किमी और सबसे लंबे पुल (ब्रिज -17) की लंबाई 425 मीटर है। पूरी परियोजना संरेखण का लगभग 38.65 किमी टनल से गुजर रहा है। 93.5 प्रतिशत टनलिंग कार्य पूरा हो चुका है।

वर्तमान में टनल टी-02, टी-03, टी-09, टी-12 और टी-14 में अंतिम लाइनिंग पूरी हो चुकी है और टी-01, टी-04, टी-07, टी-08, टी-10, टी-11और टी-13 में लाइनिंग कार्य प्रगति पर है। अब तक कुल 16.45 किमी लाइनिंग पूरी हो चुकी है। सभी सेक्शनों में दिन-रात कार्य चल रहा है। यह भारत में चल रही सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परियोजनाओं में से एक है और इस परियोजना के पूर्ण होने पर पहली बार सिक्किम राज्य रेलवे से जुड़ जाएगा। इस रेल नेटवर्क को पूरा करने का उद्देश्य सिक्किम राज्य को वैकल्पिक और स्थिर कनेक्टिविटी प्रदान करना है। वर्तमान में परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए टनलों, पुलों और स्टेशन यार्डों के निर्माण से संबंधित सभी काम-काज युद्ध स्तर पर चल रहे हैं।

पूर्वोत्तर सीमा रेलवे इस परियोजना को शीघ्र पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / अरविन्द राय / दधिबल यादव

   

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