राजस्थान में सौर ऊर्जा क्रांति: किसानों को दिन में बिजली, उत्पादन क्षमता 1000 मेगावाट के पार
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- May 06, 2025

जयपुर, 6 मई (हि.स.)। राजस्थान में सौर ऊर्जा उत्पादन ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत राज्य में अब तक 1,000 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता विकसित की जा चुकी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में यह सौर ऊर्जा क्रांति राज्य को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ा रही है।
इस योजना की बदौलत अब एक लाख 70 हजार से ज्यादा किसानों को दिन में बिजली मिल रही है। पहले जहां बिजली रात में ही मिलती थी, अब किसान दिन में ही अपने खेतों में काम कर पा रहे हैं, जिससे खेती और आमदनी दोनों में सुधार आया है।
राज्य में कुसुम योजना के दो मुख्य हिस्सों कम्पोनेंट ए और सी के तहत अब तक कुल 560 ग्रिड से जुड़े सौर संयंत्र लग चुके हैं। बीते छह महीनों में ही 134 संयंत्रों से 183 मेगावाट और 196 संयंत्रों से 514 मेगावाट क्षमता जोड़ी गई है। औसतन हर दिन एक नया संयंत्र ग्रिड से जोड़ा जा रहा है।
राज्य के ग्रामीण इलाकों में सौर संयंत्रों की स्थापना से किसानों को न केवल दिन में बिजली मिल रही है, बल्कि वे अपनी जमीन पर संयंत्र लगाकर अतिरिक्त आमदनी भी कमा रहे हैं। पांच मेगावाट तक की क्षमता वाले इन संयंत्रों से स्थानीय स्तर पर बिजली बन रही है, जिससे लाइन लॉस भी कम हो रहा है।
राजस्थान की तेज़ प्रगति को देखते हुए केंद्र सरकार ने 2024-25 में राज्य को 6,000 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता और दाे लाख सोलर पंपों का नया आवंटन दिया है। इसका लक्ष्य है कि राज्य में करीब 12,000 मेगावाट की सौर ऊर्जा क्षमता विकसित की जाए।
स्थानीय स्तर पर बिजली उत्पादन से बिजली वितरण कंपनियों को लगभग तीन रुपये प्रति यूनिट सस्ती बिजली मिल रही है। इससे ट्रांसमिशन में होने वाली छीजत भी घटी है और राज्य सरकार को अतिरिक्त बजटीय बोझ नहीं उठाना पड़ा है। साथ ही, पर्यावरण के लिए हानिकारक कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आई है।
कुसुम योजना के कम्पोनेंट-बी के तहत अब तक 39 हजार से अधिक सौर ऊर्जा पंप लग चुके हैं। इस मामले में राजस्थान देश के शीर्ष तीन राज्यों में शामिल है। किसानों को तीन से साढ़े सात हॉर्स पावर के सोलर पंपों पर 60% तक सब्सिडी मिल रही है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने वर्ष 2027 तक राज्य के सभी किसानों को दिन में बिजली देने का संकल्प किया है। इस दिशा में कुसुम योजना को फ्लैगशिप योजना के रूप में लागू किया गया है।
राजस्थान अब सिर्फ ऊर्जा में आत्मनिर्भर नहीं बन रहा, बल्कि पूरे देश को यह संदेश दे रहा है कि नवीकरणीय ऊर्जा ही भविष्य है।
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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित