सोमवती अमावस्या पर मंदिरों में विशेष झांकी

जयपुर, 30 दिसंबर (हि.स.)। वृद्धि योग और मूल नक्षत्र का विशेष संयोग में सोमवार को सोमवती अमावस्या पर मंदिरों में विशेष झांकी के दर्शन हुए। आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में ठाकुर श्रीजी का पंचामृत अभिषेक कर नवीन काली गर्म जामा पोशाक धारण कराई गई। ठाकुर जी को सिर पर टोपा, हाथों में दस्ताने, गले में गुलबंद और पैरों में जुराब भी धारण कराए गए। गर्भगृह में अंगीठी भी जलाई गई। चौड़ा रास्ता स्थित ताडक़ेश्वर, बनीपार्क के जंगलेश्वर, वैशालीनगर के झारखंड महादेव, छोटी चौपड़ के रोजगारेश्वर सहित अन्य शिव मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की आराधना की गई। पितृदोष, ग्रह दोष और अन्य कष्टों से मुक्ति की कामना के साथ विशिष्ट सामग्री से महादेव की पूजा-अर्चना का सिलसिला दिनभर चलता रहा।

अमावस्या के स्वामी पितर देव माने गए हैं। इसलिए दोपहर को पितरों के निमित्त धूप की गई। पितराें के निमित्त पिंडदान और तर्पण किया गया। घृत जौ, तिल से हवन में आहुतियां अर्पित की गई। इसके अलावा अमावस्या को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की गई। मंदिरों और गौशालाओं में देर शाम तक दान-पुण्य का सिलसिला चलता रहा। लोगों ने पितरों को जलांजलि देने के साथ ही उनके निमित्त जरूरतमंदों की भोजन कराया और वस्त्र का वितरण किया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गलता जी जाकर स्नान किया। हनुमान मंदिरों में भक्तों ने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ और राम नाम का जाप किया। शिवलिंग पर जल-दूध चढ़ाकर चंदन का लेप किया। बिल्व पत्र, धतूरा, आकड़े के फूल चढ़ाए और ऊं नम: शिवाय मंत्र का जप किया। वैष्णव मंदिरों में महालक्ष्मी और भगवान विष्णु का अभिषेक किया। पूजा कर ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप किया। मंदिरों में महिलाओं ने तुलसी की 108 परिक्रमा की। काले तिल का दान किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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