राज्य शासन पर छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी
- Admin Admin
- Feb 14, 2025
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रायपुर, 14 फ़रवरी (हि.स.)। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी का राज्य शासन पर अपेक्षित देयक राशि 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक की हो गई है।उक्त जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ रिटायर्ड पावर इंजीनियर ऑफिसर्स एसोसिएशन ने सरकार और मुख्यमंत्री से मांग की है कि इसके लिए राज्य के आगामी बजट में समुचित प्रावधान किया जाए।
मुख्यमंत्री को आज (शुक्रवार) भेजे गए पत्र में संगठन ने कहा है कि लगभग 21 हजार करोड़ रुपये वार्षिक राजस्व देने वाली कंपनी के लिए के लिए यह स्थिति चिंतनीय है। संगठन ने बताया है कि विद्युत का प्रयोग राज्य शासन के विभिन्न विभाग द्वारा नियमित रूप से किया जाता है, परंतु उनके द्वारा समय पर विद्युत देयकों का भुगतान नहीं किए जाने से बकाया राशि निरंतर बढ़ते जाती है।नवंबर 2024 की स्थिति में कुल बकाया राशि लगभग 2290 करोड़ रुपये थी। जिसमें से 1378 करोड़ की राशि तो नगरीय निकाय विभाग द्वारा ही देय है।इसके अतिरिक्त पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 472 करोड़ तथा स्कूल शिक्षा, चिकित्सा विभाग तथा लोक स्वास्थ्य विभाग में से प्रत्येक द्वारा विद्युत कंपनी को लगभग 80 करोड़ रुपये देना बाकी है।संगठन ने इसकी विस्तृत सूची मुख्यमंत्री को प्रेषित की है।
संगठन ने कृषक ज्योति योजना के अंतर्गत निशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु शासन से प्राप्त होने वाली राशि के बारे में जानकारी देते हुए कहा है कि वास्तविक खपत के आधार पर राशि के भुगतान हेतु मांग की गई है जो कि अभी भी लंबित है। 21 मार्च 2024 की स्थिति में इस तरह से लंबित राशि ब्याज सहित लगभग 5260 करोड़ रुपये हो चुकी है,इसकी भी वर्षवार सूची मुख्यमंत्री को प्रेषित की गई है।
संगठन के महासचिव एसजीओक ने बताया है कि राज्य शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं के मद में देय राशि में कई का भुगतान अभी तक विद्युत कंपनियों को नहीं किया गया है। वर्ष 2024 में लघु टैरिफ दरों में बहुत ज्यादा वृद्धि न हो इस हेतु 1000 करोड़ का प्रावधान राज्य शासन द्वारा किया गया था परंतु अभी तक 250 करोड़ रुपये का ही भुगतान विद्युत् कंपनी को किया गया है। इसी तरह से एकल बत्ती योजना हेतु 540 करोड रुपये का प्रावधान किया गया था परंतु अभी तक 417 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया जा सका है। इसी तरह हाफ बिजली योजना के अंतर्गत वर्ष 2024 में वितरण कंपनी को राज्य शासन से प्राप्त होने वाली अपेक्षित राशि लगभग 1340 करोड़ रुपये है। जिसके विरुद्ध सिर्फ 985 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया गया है।संगठन ने इस तरह बताया है कि किसानों को दी जाने वाली मुक्त बिजली के विरुद्ध वितरण कंपनी को लगभग 4200 करोड़ रुपये की मांग राशि के विरुद्ध लगभग ₹2700 करोड रुपये ही प्राप्त हुए हैं।इस तरह से अन्य विभिन्न योजनाएं हेतु घोषित प्रतिबद्धता के विरुद्ध बकाया राशि लगभग 2200 करोड़ रुपये से अधिक की है।
संगठन ने कहा है कि इस तरह समस्त मदों पर कुल लगभग 9800 करोड़ रुपये रुपये कंपनियों का शासन पर बकाया है जिसका भुगतान 31 मार्च तक कराया जाना जरूरी है। साथ ही आगामी वर्ष के बजट में पर्याप्त राशि लगभग 8600 करोड़ रुपये के समुचित प्रावधान की मांग करते हुए नियमित मासिक भुगतान की व्यवस्था की बात कही गई है।
हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा