जींद : फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए फील्ड में रहें अधिकारी
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- Nov 11, 2024
जींद, 11 नवंबर (हि.स.)। जिले में बढ़ते प्रदूषण स्तर और पर्यावरण पर इसके प्रतिकूल पड़ रहे प्रभाव को देखते हुए डीसी सख्त हुए हैं। उन्होंने एक्यूआई को कम करने के लिए हर ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। सोमवार को डीसी ने लघु सचिवालय के सभागार में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर संबंधित अधिकारियों की बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े और ठोस कदम उठाएं और अधिक से अधिक समय फील्ड में ही रहें ताकि फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को रोका जा सके।
डीसी ने कहा कि लगातार बढ़ रहे एएफएल (एयर क्वालिटी लेवल) के मामले पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा बनते जा रहे हैं। जिससे निपटना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे फील्ड में रहकर पूरी सतर्कता से निगरानी करें ताकि कोई भी किसान फसल अवशेष जलाने का प्रयास नहीं करे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में चालू सीजन के दौरान यदि कहीं भी फसल अवशेष जलाने की घटना सामने आती है तो किसान के साथ-साथ उस क्षेत्र में तैनात संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीसी ने किसानों को आह्वान करते हुए वैकल्पिक और पर्यावरण अनुकूल विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे किसानों को पर्यावरण के बारे में भी जागरूक करें और उन्हें फसल अवशेष प्रबंधन के लिए वैज्ञानिक और अन्य तरीकों की भी जानकारी दें ताकि अधिक से अधिक किसान फसल अवशेष जलाने के स्थान पर आधुनिक विकल्पों का प्रयोग करें। उपायुक्त ने उपस्थित सभी अधिकारियों से कहा कि वे क्षेत्र में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं को शून्य पर लाने के लिए पूरी सक्रियता से काम करें और जिले के पर्यावरण संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। बैठक में नगराधीश आशीष देशवाल, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक गिरीश नागपाल, जिला राजस्व अधिकारी राजकुमार तथा जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी संदीप भारद्वाज शामिल रहे। इस बैठक में सभी उपमंडल अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े हुए थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा