छात्रों ने जलनेति क्रिया के सीखे गुर, अभ्यास किया

जोधपुर, 05 मार्च (हि.स.)। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर(वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति के मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से आज यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज के स्वच्छ, शान्त एवं प्राणऊर्जा से भरपूर वातावरण में यौगिक षट्कर्म शिविर प्रारंभ हुआ।

यौगिक षट्कर्म शिविर के प्रथम दिन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. चंद्रभान शर्मा के सानिध्य में सभी छात्र-छात्राओं ने सुबह सात से नौ बजे तक दन्तरक्षक एवं मुख रोगों से बचाव में अति लाभकारी नीम वृक्ष की दातुन एवं उसी की जिव्हा निर्लेखनी बनाकर मुख शुद्धि करवाई गई।

तत्पश्चात सभी ने पहले जलनेति क्रिया के गुर सीखे एवं अभ्यास किया। तत्पश्चात जलनेति के संपूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए भस्त्रिका एवं सूर्यभेदी प्राणायाम का अभ्यास करवाया गया। इस अवसर पर डॉ शर्मा द्वारा नीम की दातुन एवं जलनेति से होने वाले फायदे और सावधानियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई, शिविर का समापन ध्यान एवं शांति पाठ से किया गया। उक्त शिविर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी इंदर सिंह ने अपनी सेवाएं दी।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश

   

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