पहली बार रोबोटिक सर्जरी से सफल किडनी ट्रांसप्लांट

जयपुर, 22 अक्टूबर (हि.स.)। शहर के सीके बिरला हॉस्पिटल में राजस्थान की पहली रोबोटिक सर्जरी के माध्यम से किडनी ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किया गया है। हॉस्पिटल के डायरेक्टर रीनल ट्रांसप्लांट डॉ. देवेंद्र शर्मा ने यह सफल ट्रांसप्लांट किया।

डॉ. देवेंद्र ने बताया कि 50 वर्षीय सुरेशचंद्र (परिवर्तित नाम) क्रोनिक किडनी डिजीज से ग्रस्त थे। वे लंबे समय से डायलिसिस पर निर्भर थे। उनकी स्थिति बिगड़ने पर डॉक्टरों ने उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी, जो उनका अंतिम विकल्प था। परिवार के सदस्य ने उन्हें किडनी डोनेट की।

डॉ. देवेंद्र शर्मा और उनकी टीम ने इस सर्जरी में अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया। डोनर से किडनी की लेप्रोस्कोपिक रिमूवल की गई और ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया रोबोटिक सर्जरी से की गई। ट्रांसप्लांट सर्जरी लगभग तीन घंटे चली। डोनर से ली गई किडनी एक स्पेशल पोर्ट से रेसिपिएंट के पेट में डाली गई। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान छोटे से चीरे के माध्यम से ऑपरेशन किया गया। जिससे मरीज को न केवल कम दर्द महसूस हुआ, बल्कि उनकी रिकवरी भी तेजी से हो पाई।

डॉ. देवेंद्र शर्मा ने इस सर्जरी के फायदे बताते हुए कहा कि आमतौर पर किडनी ट्रांसप्लांट के बाद मरीजों को 10 से 15 दिनों तक चलने-फिरने में कठिनाई होती है, लेकिन रोबोटिक सर्जरी की बदौलत मरीज अगले ही दिन बिस्तर पर बैठने में सक्षम थे और केवल दो दिनों में उन्होंने चलना-फिरना शुरू कर दिया। रोबोटिक सर्जरी से न केवल चीरा छोटा होता है, बल्कि इससे रिकवरी का समय भी काफी कम हो जाता है। मरीजों को सर्जरी के बाद सामान्य दिनचर्या में लौटने में ज्यादा समय नहीं लगता और सर्जरी के दौरान होने वाला दर्द भी काफी हद तक कम हो जाता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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