बीटीसी में मनायी गयी गांधी जयंती; शांति और विकास के लिए नई पहलें शुरू

बीटीसी ने गांधी जयंती मनाई; शांति और विकास के लिए नई पहलें शुरू कीं।बीटीसी ने गांधी जयंती मनाई; शांति और विकास के लिए नई पहलें शुरू कीं।बीटीसी ने गांधी जयंती मनाई; शांति और विकास के लिए नई पहलें शुरू कीं।

कोकराझार (असम), 02 अक्टूबर (हि.स.)। महात्मा गांधी का सद्भाव, शांति और सहिष्णुता का संदेश, विशेष रूप से बोडोलैंड के लिए, आशा और ज्ञान का दीपस्तंभ है, जो हिंसा के इतिहास से भाईचारे और विकास से चिह्नित वर्तमान में बदल चुका है। ये बातें आज बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल (बीटीसी) के सीईएम प्रमोद बोडो ने कही।

कोकराझार स्थित बीटीसी परिषद सचिवालय में महात्मा गांधी की 155वीं जयंती और अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में बीटीसी प्रमुख ने कहा कि दशकों पहले जिस हिंसा और अशांति ने इस क्षेत्र को हिला दिया था, उसके बावजूद बोडोलैंड के लोग अब शांति और एकता के साथ जी रहे हैं, जिससे सतत विकास की नींव रखी गई है।

समारोह में असम के हथकरघा और वस्त्र मंत्री एवं कोकराझार के संरक्षक मंत्री यूजी ब्रह्म, बीटीसी प्रमुख प्रमोद बोडो और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और राष्ट्र के प्रति उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद किया।

अपने संबोधन के दौरान, मंत्री यूजी ब्रह्म ने समाज पर गांधी के आदर्शों के स्थायी प्रभाव को रेखांकित किया, जिसमें अहिंसा और मानवतावाद पर जोर दिया गया और सामाजिक परिवर्तन को आकार देने में उनकी भूमिका को समझाया गया। उन्होंने असम सरकार की स्वच्छता ही सेवा पहल के महत्व पर भी प्रकाश डाला और बोडोलैंड के लोगों से शांति और विकास के लिए सामूहिक संकल्प लेने का आह्वान किया।

अपने संबोधन में प्रमुख सचिव आकाश दीप ने जोर देकर कहा कि विकास के लिए शांति आवश्यक है और बीटीआर परिषद सरकार द्वारा शुरू की गई पहलों से इस क्षेत्र में समृद्धि और समावेशिता के लिए मार्ग प्रशस्त हो रहा है।

गांधी जयंती समारोह में बीटीसी के प्रमुख डॉ. बाशी राम बोड़ो डॉक्टोरल फेलोशिप कार्यक्रम की शुरुआत की गई। यह फेलोशिप बोडो समुदाय से पहले पीएचडी धारक डॉ. बाशी राम बोड़ो की विरासत की याद में है, जिन्होंने शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह फेलोशिप बोडोलैंड टेरिटोरियल रीजन के 50 मेधावी छात्रों को प्रतिष्ठित भारतीय विश्वविद्यालयों में डॉक्टोरल अध्ययन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। प्रत्येक छात्र को छह महीने में 90 हजार रुपये प्राप्त होंगे, जो सालाना कुल 1 लाख 80 हजार रुपये सालाना होगा। यह दो वर्षों तक दिया जाएगा। असाधारण परिस्थितियों में एक वर्ष के विस्तार की संभावना भी होगी।

इसके अलावा, कार्यक्रम के दौरान मिशन बिस्मुथि के तहत शिकायत और शिकायत पेटियों का वितरण भी किया गया। भूमि से संबंधित शिकायतों के त्वरित समाधान को सुनिश्चित करने के लिए इन पेटियों को सर्किल अधिकारियों को सौंपा गया, जिससे शासन में पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा मिलेगा। उल्लेखनीय है कि बीटीसी भारत का पहला 6वीं अनुसूची परिषद बन गया है, जिसने भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल किया है, जो प्रशासनिक आधुनिकीकरण में एक मील का पत्थर है।

इस अवसर पर बीटीसी सचिवालय में ग्रीन बोडोलैंड मिशन के तहत शपथ ग्रहण समारोह का भी आयोजन किया गया। यह समारोह पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति बीटीसी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें छात्रों, नागरिकों और अधिकारियों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिनमें विधायक लॉरेंस इस्लारी, बीटीसी ईएम गौतम दास, दाओबाइसा बोडो, रंजीत बसुमतारी और धनंजय बसुमतारी, एमसीएलए माधव छेत्री, बोडोलैंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीएल आहूजा, कोकराझार नगर पालिका बोर्ड की अध्यक्ष प्रतिभा ब्रह्म, सचिव, ओएसडी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। गांधी जयंती समारोह ने न केवल राष्ट्रपिता को सम्मानित किया, बल्कि बोडोलैंड की शांति, समृद्धि और स्थिरता की यात्रा को भी रेखांकित किया।

हिन्दुस्थान समाचार / किशोर मिश्रा

   

सम्बंधित खबर