तृणमूल में बहिष्कार विवाद : अभिषेक बनर्जी ने कुणाल घोष को दिया परोक्ष संदेश

कोलकाता, 15 जनवरी (हि. स.)। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी के भीतर बहिष्कार की राजनीति का विरोध करते हुए कहा कि तृणमूल ऐसी नीतियों में विश्वास नहीं करती। उन्होंने बिना नाम लिए पार्टी के राज्य महासचिव कुणाल घोष पर निशाना साधा, जिन्होंने कुछ कलाकारों के बहिष्कार की बात कही थी।

अभिषेक ने कहा कि मैं ममता बनर्जी को जितना जानता हूं, वह बहिष्कार की राजनीति में विश्वास नहीं करतीं। अगर करतीं, तो जिन्होंने कभी उनकी आलोचना की थी, वे पार्टी में वापस नहीं आ पाते।

यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब कुणाल घोष ने सुझाव दिया था कि जिन कलाकारों ने आर.जी. कर अस्पताल मामले में सरकार की आलोचना की थी, उन्हें पार्टी के कार्यक्रमों में आमंत्रित करने से पहले उच्च नेतृत्व से परामर्श लिया जाए।

इसके अलावा, अभिषेक ने पार्टी से निलंबित पूर्व सांसद और चिकित्सक शांतनु सेन के प्रति समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शांतनु सेन एक चिकित्सक हैं। वह किस शिविर में भाग लेंगे या कितने मरीजों को देखेंगे, यह उनका व्यक्तिगत मामला है। इसमें मेरा कोई कहना नहीं है।

अभिषेक के इन बयानों से पार्टी के भीतर मतभेद उभरकर सामने आए हैं, जहां एक ओर कुछ नेता बहिष्कार की वकालत कर रहे हैं, वहीं अभिषेक जैसे वरिष्ठ नेता इससे असहमति जता रहे हैं।

तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के बीच किसी भी विवाद से इनकार करते हुए कहा कि तृणमूल एक संयुक्त परिवार है।

इस बीच, तृणमूल के भीतर मतभेदों की खबरों के बीच, पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद कल्याण बनर्जी ने भी कुणाल घोष के बहिष्कार के विचार का समर्थन किया है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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