बोर्ड एग्जाम के चलते नहीं हाे रहे टीचर्स के ट्रांसफर, मार्च में निकालेंगे तबादलों का रास्ता : दिलावर

बाड़मेर, 4 जनवरी (हि.स.)। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि इस साल लोकसभा, विधानसभा चुनाव और उपचुनाव के कारण तबादलों में देरी हुई। अब बोर्ड परीक्षाएं होंगी। अब 15 मार्च के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से चर्चा कर शिक्षकों के ट्रांसफर मामले का समाधान किया जाएगा।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर शनिवार को बालोतरा दौरे पर थे। जसोल धाम में मंदिरों में दर्शन करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात की। इस दौरान उन्होंने शिक्षकों के ट्रांसफर के सवाल पर कहा कि राजस्थान में चुनावी प्रक्रिया के चलते तबादलों में देरी हुई। इस बार संयोग ऐसा रहा कि एक के बाद एक चुनाव आ गए। फिर अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं आ गईं। अब विधानसभा चलने वाली है और बोर्ड एग्जाम शुरू होने वाले हैं। इसलिए शिक्षा विभाग का शिक्षकों के तबादले नहीं करने का फैसला ठीक है। 15 मार्च के बाद मुख्यमंत्री से चर्चा करेंगे और शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करेंगे।

पंचायती राज के मंत्रालयिक कर्मचारियों की डीपीसी (विभागीय प्रोन्नति समिति) को लेकर दिलावर ने कहा कि मैंने हमेशा डीपीसी को प्राथमिकता दी है। शिक्षा विभाग में भी लंबित डीपीसी को पूरा किया गया है। पंचायती राज विभाग में भी डीपीसी की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी, ताकि कर्मचारियों को उनके हक का फायदा मिल सके।

जसोल धाम में मंत्री ने कक्षा पांच के छात्र से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पूछा कि अंग्रेजी पढ़नी आती है तो बच्चे ने हां में जवाब दिया।

शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने राजस्थान के बच्चों को अनपढ़ रखने की साजिश रची। कांग्रेस ने एक भी नया अंग्रेजी माध्यम का स्कूल नहीं खोला है और केवल बोर्ड लगाकर जनता को भ्रमित किया है। कांग्रेस सरकार ने लाखों बच्चों को स्कूल से दूर करने का काम किया है।

यह सरकार छात्राओं की दुश्मन साबित हुई है। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने के बजाय केवल दिखावटी कार्य किए गए हैं।

गाैरतलब है कि तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर सात साल से प्रतिबंध है। वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता और प्रिंसिपल के ट्रांसफर पर दाे साल से रोक है। यह स्थिति सरकार के सबसे बड़े माने जाने वाले शिक्षा विभाग की है। चार लाख शिक्षकों का यह दर्द अब आक्रोश का रूप ले रहा है।

शिक्षक संगठन तबादले नहीं खोलने के विरोध में उतर आए हैं। ऐसा इ​सलिए भी है कि भाजपा सरकार बनने के बाद हाल में दूसरी बार तबादलों से रोक हटाई गई, लेकिन शिक्षा विभाग को फिर छोड़ दिया गया। इस सरकार में 2024 में 10 से 20 फरवरी तक और अब एक से 10 जनवरी तक रोक हटाई गई है।

गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षामंत्री रहते अगस्त 2021 में एक बार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों के लिए आवेदन लिए थे। तब 85 हजार शिक्षकों ने आवेदन किए। लेकिन, इन पर आज तक कोई निर्णय नहीं हुआ। इसके बाद नवंबर 2021 में डोटासरा की जगह बीडी कल्ला शिक्षा मंत्री बने।

कल्ला ने अगस्त 2022 से जनवरी 2023 तक शिक्षा विभाग में तबादले खोले थे। इस दौरान व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, प्रिंसिपल के बड़ी संख्या में तबादले भी हुए। इन तबादलों पर 15 जनवरी 2023 को रोक लगी थी। इसके बाद से दो साल से तबादले नहीं हुए।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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