मुख्यमंत्री ने पर्यटकों के लिए श्रीनगर और जम्मू के बीच यातायात के प्रवाह को आसान बनाने का दिया निर्देश

श्रीनगर, 23 अप्रैल (हि.स.)। पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को राज्य प्रशासन को घाटी छोड़कर अपने घर जाने की कोशिश कर रहे पर्यटकों के लिए श्रीनगर और जम्मू के बीच यातायात के प्रवाह को आसान बनाने का निर्देश दिया है।

पहलगाम में कल हुए दुखद आतंकवादी हमले के बाद घाटी से हमारे मेहमानों का पलायन देखना दिल दहला देने वाला है लेकिन साथ ही हम पूरी तरह से समझते हैं कि लोग क्यों जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने प्रशासन को श्रीनगर और जम्मू के बीच यातायात को सुविधाजनक बनाने का निर्देश दिया है ताकि पर्यटक वाहन निकल सकें। इसे नियंत्रित और संगठित तरीके से करना होगा क्योंकि सड़क अभी भी कुछ जगहों पर अस्थिर है।

अब्दुल्ला ने कहा कि हम फंसे हुए सभी वाहनों को निकालने के लिए भी कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हम इस समय वाहनों की पूरी तरह से मुक्त आवाजाही की अनुमति नहीं दे पाएंगे और हमें उम्मीद है कि हर कोई हमारे साथ सहयोग करेगा। इसी बीच जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बुधवार को एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कोई भी धनराशि कभी भी प्रियजनों के नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती है लेकिन समर्थन और एकजुटता के प्रतीक के रूप में जम्मू-कश्मीर सरकार मृतकों के परिवारों के लिए 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों के लिए 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा करती है। सीएमओ ने कहा कि पीड़ितों को उनके घरों तक वापस ले जाने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। घायलों को सर्वाेत्तम चिकित्सा देखभाल प्रदान की जा रही है। पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर कुछ पर्यटकों ने कश्मीर घाटी की अपनी यात्राएँ कम करने का फ़ैसला किया है जिसके परिणामस्वरूप श्रीनगर से हवाई टिकटों की माँग बढ़ गई है। नागरिक उड्डयन महानिदेशक ने अब एयरलाइनों से बढ़ते तनाव के बीच श्रीनगर से आने-जाने वाली उड़ानों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया है।

सलाह में कहा गया है कि एयरलाइंस से यह भी अनुरोध किया जाता है कि वे रद्दीकरण और पुनर्निर्धारण शुल्क माफ करने पर विचार करें और इस कठिन समय के दौरान अप्रत्याशित परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करने वाले पर्यटकों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करें।

यह 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद सबसे बड़े आतंकी हमलों में से एक है।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता

   

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