
--नियमों को ताक पर रखकर किए गए भुगतान
हमीरपुर, 05 मई (हि.स.)। सोमवार को ग्राम पंचायत बड़ागांव में जिलाधिकारी के आदेश पर गठित उच्च स्तरीय जांच टीम ने प्रधान एवं सचिव को विकास कार्यों में की गई धांधली का दोषी माना है। जांच आख्या डीपीआरओ को सौंपी है।
बड़ागांव निवासी रमेश निषाद ने प्रधान हरदौल निषाद, पंचायत सचिव ओमप्रकाश प्रजापति पर विकास कार्यों में धांधली के आरोप की शिकायत की गई थी। जांच टीम ने 12 जनवरी 2024 को बगैर कार्य कराए धनराशि निकालने का दोषी पाया था। इसके बाद आनन फानन कार्य कराना शुरू किया गया। परियोजना निदेशक डीआरडीए ने इस मामले की जांच की थी। उन्हें मौके पर कार्य मिला था। इसके बाद हुई तकनीकी जांच में 25 अक्टूबर 2024 को प्रधान एवं सचिव पर 6 लाख 56 हजार 302 रुपये का गबन सिद्ध हुआ था। इस गबन के बाद जांच में संदेह होने पर डीएम ने तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाई थी। इसमें एडीएम नमामि गंगे, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी, डीसी मनरेगा को शामिल किया गया था।
कमेटी ने शिकायतकर्ता की शिकायत के आधार पर पंचायत के 12 कार्यों की जांच की। जिसमें प्रधान एवं सचिव को दोषी पाया है। जांच रिपोर्ट 23 अप्रैल को जिला पंचायत राज अधिकारी को सौंपी है। जांच रिपोर्ट आने के ठीक अगले दिन 24 अप्रैल को जांच के दौरान पंचायत से हटाए गए सचिव ओमप्रकाश प्रजापति पर विशेष कृपा बरसाते हुए पुनः बड़ागांव में तैनात किया है। डीपीआरओ का यह आदेश ब्लॉक कार्यालय में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि उच्च स्तरीय टीम ने जांच में पाया है कि सचिव ने मनमाने तरीके से फर्मों सहित अन्य भुगतान किए हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा