हिसार : बनभोरी मामले के जेल में बंद आरोपी वीरसिंह की जमानत याचिका खारिज

प्रवासी मजदूरों की तरफ़ से एडवोकेट बजरंग इंदल हुए न्यायालय में पेश भीम आर्मी के दखल के बाद जिला प्रशासन ने ली थी पीड़ित मजदूरों की सुध

हिसार, 4 फरवरी (हि.स.)। एडीजे डॉ. गगनदीप मित्तल की अदालत ने जिले के गांव बनभोरी के नवरात्र मेले में दिहाड़ी पर बुलाए गए 11 प्रवासी मज़दूरों के साथ हुई मारपीट मामले के जेल में बंद आरोपी वीर सिंह चहल की जमानत याचिका मंगलवार काे खारिज कर दी। घटना के बाद से करीब चार महीने से जेल में बंद आरोपी वीर सिंह ने 31 जनवरी को जिला न्यायालय में अपनी जमानत याचिका दायर की थी।

पीड़ित प्रवासी मजदूरों की तरफ़ से न्यायालय में पैरवी कर रहे एडवोकेट बजरंग इंदल ने मंगलवार को बताया कि वीर सिंह चहल की जमानत याचिका न्यायालय ने दोनों पक्षों की कड़ी बहस सुनने के बाद खारिज कर दी है। इससे पहले इन प्रवासी मजदूरों के साथ बंधक बनाकर बर्बरता करने वाले मुख्य आरोपी ठेकेदार सतीश ने जिला न्यायालय में और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम याचिका दायर कर गिरफ्तारी से बचने का प्रयास किया था लेकिन हाईकोर्ट से आरोपी सतीश को राहत नहीं मिली थी और इसकी अग्रिम जमानत याचिका 18 अक्टूबर को हिसार कोर्ट से और 14 नवंबर को हाईकोर्ट से खारिज हो गई थी। घटना के बाद मौके से गिरफ्तार आरोपी बसाऊं की जमानत याचिका 6 नवंबर को और जेल में बंद सह आरोपी सेवा सिंह और सतबीर की जमानत याचिका भी 16 दिसंबर 2024 को खारिज की जा चुकी है।

मामले के अनुसार बरवाला क्षेत्र के गांव बनभोरी में माता भ्रामरी देवी के मंदिर पर नवरात्रों मेले में आरोपी ठेकेदार सतीश ने यूपी और उत्तराखंड से 11 मजदूरों को अपनी मेले की दुकानों पर प्रसाद बेचने की दिहाड़ी पर बुलाया था। मेला समाप्ति के बाद जब मजदूरों ने ठेकेदार से अपना हिसाब किताब करने को कहा तो ठेकेदार सतीश और इनके आदमियों ने व्यापार में घाटा बताकर इन प्रवासी मजदूरों को बंधक बनाकर इनके साथ मारपीट और बर्बरता की थी। इतना ही नहीं आरोपियों ने इन बंधक मजदूरों को छोड़ने की एवज में मजदूरों के परिवारों से पांच-पांच लाख रुपये की डिमांड कर दी थी। डरे मजदूरों के परिजनों ने इन आरोपितों के खाते में पांच पांच हजार रुपये की दो राशि भी भेजी थी। तब मजदूरों के परिजनों ने भीम आर्मी से संपर्क करके मदद की गुहार लगाई थी।

मौके पर पुलिस और भीम आर्मी की टीम ने जाकर इन बंधक मजदूरों को आरोपियों के चुंगल से छुड़वाया था। इसी के चलते 10 अक्टूबर 2024 को पीड़ित मजदूरों की शिकायत पर बरवाला थाना में नामजद आरोपी ठेकेदार सतीश, अमन, सेवा सिंह, राजबीर, राजेंद्र और आठ—दस अन्य के ख़िलाफ़ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। जांच के दौरान पीड़ित सर्वेश की शिकायत पर एससीएसटी एक्ट को जोड़ दिया गया। जिला प्रशासन ने भी इस मामले को चिह्नित अपराध की श्रेणी में रखा है। उन्होंने बताया कि मजदूरों को डराने और समझौते का दबाव बनाने के लिए आरोपितों ने बरवाला थाने की एक महिला कांस्टेबल से इन मजदूरों के खिलाफ ही झूठा छेड़छाड़ और चेन स्नेचिंग का मुकदमा दर्ज करवा दिया था जो बाद में पुलिस जांच में झूठा पाए जाने पर इस मुकदमे को कैंसिल कर दिया गया था।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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