विधायक मेहराज मलिक पर पीएसए के तहत मामला दर्ज करने का फैसला अनुचित था- उपमुख्यमंत्री

बडगाम, 18 सितंबर (हि.स.)। उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी ने गुरुवार को कहा कि विधायक मेहराज मलिक की टिप्पणी अस्वीकार्य और अनुचित थी लेकिन उन पर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज करने का फैसला अनुचित था।

बडगाम दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए चौधरी ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रियाएँ असहमति और बहस की अनुमति देती हैं और निवारक निरोध कानूनों का इस्तेमाल संवाद और सहिष्णुता का विकल्प नहीं बनना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हाँ, भाषा अनुचित थी और इसकी निंदा की जानी चाहिए लेकिन पीएसए समाधान नहीं है। लोकतांत्रिक प्रक्रियाएँ असहमति की गुंजाइश देती हैं और उन उपायों के प्रति आगाह किया जो जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक आवाज़ों को और अलग-थलग कर सकते हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ राजनीतिक नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपने सार्वजनिक बयानों में संयम बरतना चाहिए, वहीं सरकार की भी ज़िम्मेदारी है कि वह भी उसी अनुपात में प्रतिक्रिया दे। उन्होंने कहा कि हम आवाज़ों को दबाकर लोकतंत्र को मज़बूत नहीं कर सकते। क़ानून का राज कायम होना चाहिए लेकिन साथ ही लोगों को यह भी महसूस होना चाहिए कि उनके अधिकार और सम्मान सुरक्षित हैं।

चौधरी ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ इतनी मज़बूत हैं कि कठोर शब्दों का सामना कारावास के बजाय बहस और जवाबदेही के ज़रिए किया जा सकता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि राजनीतिक मतभेदों को दूर करने के लिए दमन नहीं बल्कि संवाद ही आगे बढ़ने का रास्ता है।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता

   

सम्बंधित खबर