दिल्ली के कर्तव्य पथ पर राज्य की ‘आत्मनिर्भरता’ को प्रदर्शित करती गुजरात की झांकी ने किया मंत्रमुग्ध



- ‘मणियारा रास’ की ताल पर झूमते कलाकारों ने सभी को किया रोमांचित

नई दिल्ली/अहमदाबाद, 26 जनवरी (हि.स.)। 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गुजरात की झांकी ‘गुजरात : आनर्तपुर से एकता नगर तक-विरासत से विकास का अद्भुत संगम’ ने उपस्थित सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस झांकी के साथ ‘मणियारा रास’ की ताल पर झूमते कलाकारों ने भी हर किसी को रोमांचित कर दिया। गुजरात की झांकी में 12वीं सदी के वडनगर यानी आनर्तपुर के सोलंकी कालीन ‘कीर्ति तोरण’ से लेकर 21वीं सदी का अजूबा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ रक्षा, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में राज्य की ‘आत्मनिर्भरता’ को प्रदर्शित करती विभिन्न विकास परियोजनाओं का प्रदर्शन किया गया।

राज्य की झांकी के अगले हिस्से में सोलंकी काल में निर्मित वडनगर स्थित 12वीं सदी का गुजरात का सांस्कृतिक प्रवेशद्वार कहा जाने वाला ‘कीर्ति तोरण’, जबकि अंत में 21वीं सदी की शान 182 मीटर ऊंची सरदार पटेल की प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को दर्शाया गया। इन दोनों विरासतों के बीच गुजरात में रक्षा, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत गुजरात की विभिन्न परियोजनाओं को दर्शाया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी जी की 100वीं जयंती के प्रतीक के रूप में साबरमती रिवरफ्रंट के दोनों तटों को जोड़ने वाले ‘अटल ब्रिज’, द्वारका और शिवराजपुर बीच में आकार लेने वाले ‘अंडर वाटर स्पोर्ट्स’ की गतिविधियों के साथ मिट्टी और शीशे से बनी कच्छी कलाकृतियों ने इस झांकी को चार चांद लगा दिए।

गुजरात की झांकी के अग्रभाग में ‘यूनेस्को’ की हेरिटेज साइट में शामिल आनर्तपुर यानी मौजूदा वडनगर शहर में स्थित 12वीं सदी का सोलंकी कालीन ‘कीर्ति तोरण’ और नीचे के हिस्से में मिट्टी और शीशे से निर्मित कच्छी कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया। झांकी के मध्य भाग में रक्षा-टेक्नोलॉजी क्षेत्र में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की परियोजनाओं में से एक वडोदरा में ‘टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड’ की भारतीय वायुसेना के सी-295 एयरक्राफ्ट यूनिट और गुजरात में भारी निवेश के साथ सेमीकंडक्टर उत्पादन क्षेत्र की सफलता को दिखाते सेमीकंडक्टर चिप और उससे जुड़े विभिन्न उपकरण और उसके नीचे ऑटोमोबाइल-मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित हो रहे गुजरात के ऑटो और मशीन उद्योग को दर्शाया गया।

गुजरात की इस झांकी को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए पारंपरिक लेकिन अर्वाचीन दोहे के साथ राज्य के जोशीले मणियारा रास को जीवंत नृत्य के साथ प्रस्तुत किया गया। गुजरात सरकार के सूचना विभाग की ओर से प्रस्तुत इस झांकी के निर्माण में सूचना एवं प्रसारण सचिव अवंतिका सिंह औलख, सूचना निदेशक किशोर बचाणी और अतिरिक्त निदेशक अरविंद पटेल के मार्गदर्शन में संयुक्त सूचना निदेशक डॉ. संजय कचोट और उप सूचना निदेशक जिगर खूंट का योगदान रहा।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

   

सम्बंधित खबर