पीवीयूएनएल के लिए स्वर्णिम होगा वर्ष 2025, जनवरी माह में ही होगा कमर्शियल डिक्लेरेशन: सीईओ
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- Jan 06, 2025
रामगढ़, 6 जनवरी (हि.स.)। पतरातू विद्युत ऊर्जा निगम लिमिटेड के लिए वर्ष 2025 स्वर्णिम होने वाला है। इस वर्ष पीवीयूएनएल अपने पहले पेज के 2400 मेगावाट यूनिट की परियोजना का पहला यूनिट शुरू कर लेगी। 800 मेगावाट के इस पहली यूनिट से उत्पन्न होने वाली बिजली से पूरा झारखंड रोशन होने वाला है। पीवीयूएनएल के सीईओ आरके सिंह ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह दावा किया है। उन्होंने बताया कि दो फेज में पीवीयूएनएल 4000 मेगावाट की विद्युत उत्पादन करने का लक्ष्य रख चुकी थी। पहले फेज का कार्य लगभग पूरा होने जा रहा है। पहले फेज में 800 मेगावाट के तीन यूनिट का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। पहली यूनिट के लिए कमर्शियल डिक्लेरेशन जनवरी महीने में ही करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए सारी अड़चनें भी दूर कर ली गई है। सीईओ आर के सिंह ने बताया कि कुल उत्पादन का 85 फ़ीसदी बिजली झारखंड सरकार को देने का एग्रीमेंट बना हुआ है। शेष 15 प्रतिशत बिजली कहां जाएगी इसके लिए केंद्र सरकार निर्णय लेगी। पीवीयूएनएल को संचालित करने के लिए लातेहार जिले में आवंटित बनाडीह कोल माइंस से कोयला आएगा। यह कोल माइंस 250 मेट्रिक टन क्षमता वाला कोल माइंस है। हालांकि इस कॉल माइंस को शुरू होने में अभी डेढ़ वर्ष लगेंगे। उससे पहले सीसीएल और बीसीसीएल से एनटीपीसी को कोयला उपलब्ध होगा। जिसके लिए भी एग्रीमेंट पहले से ही बनाया जा चुका है। वर्ष 2025 के अंत तक पहला पेज पूरा हो जाएगा और 2400 मेगावाट की बिजली का उत्पादन पतरातू से होने लगेगा।
सीईओ आरके सिंह ने वर्ष 2024 में कंपनी के जरिये किए गए कार्यों और उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उनके साथ जीएम प्रोजेक्ट अनुपम मुखर्जी, जीएम ओ एंड एम देवदीप बोस, जीम मेंटेनेंस मनीष खेड़ापाल, एजीएम टीएस आलोक कुमार, सीएमओ संजय कुमार, सीएफओ नागेंद्र मिश्रा, डीजीएम माइनिंग जीवनेंदु महापात्र, जियाउर रहमान एचओएचआर ने भी बैठक में भाग लिया। इस अवसर पर 2024 की प्रमुख उपलब्धियों और आगामी योजनाओं को प्रस्तुत किया गया। प्रबंधन के जरिये किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रस्तुति के माध्यम से साझा की गई। प्रेजेंटेशन के बाद इंटरेक्शन सेशन में भी पत्रकारों ने आपने सवाल पूछकर जानकारी ली।
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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश