सोपोर में जल संसाधन अवसंरचना में बड़े बदलाव होंगे- सरकार

श्रीनगर, 11 मार्च (हि.स.)। जम्मू और कश्मीर सरकार ने मंगलवार को सोपोर निर्वाचन क्षेत्र में जल संसाधन विकास और बाढ़ सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की अपनी योजना का खुलासा किया जिसमें 60 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं या तो क्रियान्वयन के अधीन हैं या पाइपलाइन में हैं।

जल शक्ति विभाग के प्रभारी मंत्री सोपोर के विधायक इरशाद रसूल कर द्वारा उठाए गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने बताया कि बाढ़ सुरक्षा और आधुनिकीकरण कार्यों को मंजूरी दे दी गई है जिसका उद्देश्य जल प्रवाह क्षमता को बढ़ाना बाढ़ को कम करना और सोपोर निर्वाचन क्षेत्र में जल संसाधन प्रबंधन में सुधार करना है।

मंत्री ने बताया कि हाल ही में नाबार्ड के तहत निंगली नाले के लिए बाढ़ सुरक्षा परियोजना को मंजूरी दी गई है जिसकी कुल लागत 16.89 करोड़ रुपये है जिसका कार्य अभी चल रहा है।

जैनगीर नहर के आधुनिकीकरण के संबंध में सरकार ने 44.85 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की है जो नाबार्ड के वित्तपोषण की प्रतीक्षा कर रही है।

पोहरू नाले के लिए मंत्री ने बताया कि बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम (एफएमपी) चरण-2 के तहत बाढ़ सुरक्षा का एक कार्य पहले ही पूरा हो चुका है जबकि यूटी कैपेक्स बजट के तहत दूसरा कार्य चल रहा है। इसके अतिरिक्त खुर्सी नाले के डाउनस्ट्रीम राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए सर्वेक्षण पूरा हो चुका है और तदनुसार डीपीआर तैयार की जा रही है।

मंत्री ने यह भी बताया कि एफएमपी चरण-2 के तहत पोहरू नाले पर 75.00 लाख रुपे और निंगली नाले पर 101.00 लाख रुपये खर्च किए गए।

मंत्री ने बताया कि इसके अतिरिक्त यूटी कैपेक्स बजट के तहत पोहरू नाला पर 35.00 लाख रुपये और निंगली नाला पर 38.37 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसके अलावा निंगली नाला कार्यों के लिए नाबार्ड फंडिंग के तहत 90.00 लाख रुपये खर्च किए गए। एमएंडआर निधि के तहत पोहरू नाला पर 15.00 लाख रुपये और निंगली नाला पर 10.00 लाख रुपये खर्च किए गए। इसके अलावा इसके लिए पीआरआई अनुदान के तहत 16.10 लाख रुपये का उपयोग किया गया। जल स्रोतों की स्थिरता को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि डीपीआर विस्तृत सर्वेक्षणों पर आधारित हैं यह सुनिश्चित करते हुए कि स्रोत जल की गुणवत्ता बीआईएस 10500 मानकों को पूरा करती है। इसके अलावा क्षेत्र में स्वच्छ और टिकाऊ जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए परियोजनाओं को रैपिड सैंड फिल्ट्रेशन प्लांट (आरएसएफपी) के साथ डिजाइन किया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता

   

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