दुर्गापुर में सेल फैक्ट्री में तृणमूल द्वारा धरना में बाधा, प्रदर्शनकारियों से बहस

कोलकाता, 28 अक्टूबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में सोमवार सुबह से ही तनाव का माहौल बन गया। यहां इस्पात कारखानों के कर्मचारियों द्वारा आयोजित राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करने वाले प्रदर्शनकारियों का तृणमूल के श्रमिक नेताओं के साथ बहस शुरू हो गई, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।

इस्पात कारखानों के श्रमिकों के 17 सूत्रीय मांगों के समर्थन में देशभर में पांच प्रमुख संगठनों ने हड़ताल का आह्वान किया था। इन मांगों में स्थायी कर्मचारियों के लिए 39 महीने के बकाया वेतन और सम्मानजनक बोनस जैसी आवश्यकताएं शामिल हैं। इस हड़ताल में सिटू, आईएनटीयूसी, एआईटीयूसी, बीएमएस, और एचएमएस संगठनों के श्रमिक शामिल हुए हैं। इस हड़ताल का प्रभाव पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्दवान जिले के आसनसोल, बर्नपुर और दुर्गापुर स्थित सेल के इस्को फैक्ट्री में देखा गया।

सोमवार सुबह से ही दुर्गापुर स्थित इस्को फैक्ट्री के मुख्य द्वारों के सामने श्रमिकों ने धरना देकर पिकेटिंग शुरू कर दी। इसी बीच तृणमूल श्रमिक नेता जयंत रक्षित और उनके समर्थक कारखाने में प्रवेश करने के लिए आए। आरोप है कि जयंत ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि यहां हड़ताल नहीं की जा सकती और उन्हें सड़क से हटने को कहा। इस पर दोनों पक्षों में बहस बढ़ गई, जिससे स्थिति गरमा गई। पुलिस को मौके पर पहुंचकर स्थिति को शांत करना पड़ा।

जयंत का कहना है कि हम भी इन मांगों के पक्ष में हैं, लेकिन ममता बनर्जी के निर्देश पर राज्य में किसी कार्यदिवस को बर्बाद नहीं किया जा सकता। अगर किसी को विरोध करना है तो वह मुख्य सड़क छोड़कर दूसरी जगह करें। वहीं, आंदोलनकारियों का आरोप है कि तृणमूल श्रमिकों को उनके अधिकारों से वंचित कर रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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