उत्तराखंड पर्यटन को बढ़ावा: वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत सीमांत क्षेत्र में हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार

देहरादून, 01 जनवरी (हि.स.)। उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी), गृह मंत्रालय के बीच बुधवार को सचिवालय में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की उपस्थिति रही। यह पहल उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने और सीमांत क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य से की गई है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि भारत सरकार के फ्लैगशिप प्रोजेक्ट वाईब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत सीमावर्ती गांवों के विकास और ग्रामीणों की आजीविका के संसाधन उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया है। सीमांत क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं का विस्तार किया जाएगा, जिससे पर्यटकों को दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंचने में सुविधा होगी।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्र में प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन स्थल जैसे कि आदि कैलाश, ओम पर्वत, तिम्मरसैंण महादेव इत्यादि स्थित हैं जहां दुर्गम रास्तों के कारण पर्यटकों को पहुंचने में असुविधा होती है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड सरकार की ओर से पर्यटकों को हैली सुविधा उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है। जिसमें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल के कार्यक्षेत्र में उपलब्ध हैलीपैडों का उपयोग किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त वाईब्रेंट विलेज में रहने वाले ग्रामीणों को आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता पड़ने पर दवाईयां उपलब्ध करवाने औए हैली से हायर सेंटर ले जाने के लिए भी इन हेलीपैड का उपयोग किया जाएगा। उत्तराखंड में तीन सीमांत जनपदों (उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़) में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल की अग्रिम चौकियों में तैनाती है।

इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे, संजय गुंज्याल महानिरीक्षक,उत्तरी सीमांत, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल, एवं उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड एवं आईटीबीपी के अधिकारी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार

   

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