पर्यटक एक बार फिर कर रहे कश्मीर की ओर रुख

पर्यटक एक बार फिर कर रहे कश्मीर की ओर रुख


श्रीनगर, 30 अप्रैल । पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद कश्मीर घाटी में पर्यटन में ठहराव आ गया था लेकिन धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने के साथ ही पर्यटक एक बार फिर कश्मीर की ओर रुख कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए पर्यटकों का स्वागत करने और उनकी सुविधा सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

कई पर्यटकों ने बताया कि स्थानीय लोग उनका गर्मजोशी से स्वागत कर रहे हैं और दूसरों से डर या गलत सूचना के कारण अपनी यात्रा रद्द न करने का आग्रह कर रहे हैं।

कोलकाता के एक पर्यटक ने कहा कि हम कटरा, श्रीनगर, गुलमर्ग गए और डल झील और पहलगाम भी गए। हम जहां भी गए लोग सहयोगी और स्वागत करने वाले थे। उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य लग रही है।

लगभग 30 लोगों के समूह के साथ यात्रा कर रहे कोलकाता के एक अन्य पर्यटक ने कहा कि हम पहले थोड़े चिंतित थे लेकिन यहां पहुंचने के बाद हमें किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा। स्थानीय लोग हमारे साथ मेहमानों की तरह व्यवहार कर रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था के बीच, पर्यटकों ने सरकार के प्रयासों पर भरोसा जताया।

कुछ यात्रियों के बीच डर को लेकर एक युवा महिला पर्यटक ने कहा कि हमने यहां जो अनुभव किया, वह वैसा नहीं है जैसा हम आमतौर पर समाचारों में देखते या सुनते हैं। मैं उन लोगों से कहना चाहती हूं जो अपनी यात्रा रद्द करने की सोच रहे हैं, कृपया आएं और असली कश्मीर देखें। लोग सहायक और स्वागत करने वाले हैं।

एक अन्य पर्यटक अंकना जो घाटी में एक रिश्तेदार के घर पर रह रही है ने कहा कि उसका गर्मजोशी से स्वागत किया गया और स्थानीय लोग दोस्ताना थे और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के दौरान उसे सहज महसूस कराया गया।

अनंतनाग और आसपास के इलाकों के निवासियों ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की है। यहां पर्यटकों का स्वागत किया जा रहा है और उन्हें डरने की कोई जरूरत नहीं है। हम उन लोगों से कहना चाहते हैं जिन्होंने अपनी योजना रद्द कर दी है - कृपया आएं, हम आपको आमंत्रित कर रहे हैं। आएं और कश्मीर का आनंद लें। जिसने भी हमला किया है, उसे दंडित किया जाना चाहिए। हमारी आजीविका पर्यटन पर निर्भर करती है और यह बुरी तरह प्रभावित हुई है। अब जब पर्यटक वापस लौटने लगे हैं तो हमें उम्मीद है कि हालात सुधरेंगे।

इससे पहले मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के स्थानीय लोगों ने एकजुट होकर इसकी कड़ी निंदा की और शांति की अपील दोहराई तथा इस घटना को मानवता और केंद्र शासित प्रदेश को परिभाषित करने वाले मूल्यों पर “हमला” करार दिया।

दुख और आक्रोश व्यक्त करते हुए निवासियों ने इस बात पर जोर दिया कि कश्मीरी अपने आतिथ्य और शांतिपूर्ण स्वभाव के लिए जाने जाते हैं तथा इस तरह की हिंसा मेहमानों का स्वागत करने की उनकी सदियों पुरानी परंपराओं के बिल्कुल विपरीत है। स्थानीय कश्मीरियों ने इस घटना को न केवल क्षेत्र के लिए दुर्भाग्य बताया बल्कि मानवीय मूल्यों के साथ गहरा विश्वासघात भी बताया।

   

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