झज्जर, 18 नवंबर (हि.स.)। गांव आसंडा में खेत में पराली जलाने के मामले में पुलिस ने खेत के मालिक किसान पिता,पुत्र के खिलाफ सोमवार को मुकदमा दर्ज किया है। यह कार्यवाही न केवल झज्जर जिला में बल्कि दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए की गई है।बहादुरगढ़ के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग व पटवारी की ओर से दी गई शिकायत पर मांडोठी चौकी में 2 किसानों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 संपठित वायु एवं प्रदूषण अधिनियम 1981 के तहत एफ.आई.आर. दर्ज करवाई गई है। उपलमंडल कृषि अधिकारी डॉ. सुनील कौशिक ने बताया कि 16 नवंबर को शिकायत प्राप्त हुई थी कि गांव आसंडा के खेतों में पराली जलाई जा रही है। जिसके बाद विभाग की टीम मौके पर भेजी गई। इस टीम में राकेश राणा खंड कृषि अधिकारी बहादुरगढ़, कंवलजीत कृषि सुपरवाइजर द्वारा निरीक्षण करने बाद पाया गया कि 2 किसानों द्वारा अपने 12 एकड़ 5 कनाल खेत में पराली जलाई जा रही थी जिसके लिए नियमानुसार मांडोठी चौकी में लिखित शिकायत करते हुए डॉ. रमेश कुमार विषय विशेषज्ञ (टी.) व संदीप पटवारी द्वारा 2 किसानों के खिलाफ शिकायत दी। जिस पर पुलिस ने संबंधित धारा के तहत कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया।
उपमंडल कृषि अधिकारी डॉ. सुनील कौशिक ने किसानों से अपील की है कि अपने खेतों में पराली न जलाएं। पराली जलाने से पर्यावरण तो प्रदूषित होता ही है साथ ही भूमि की उपजाऊ क्षमता प्रभावित होती है। पराली जलाना भारतीय न्याय संहित की धारा 223 संपठित वायु एवं प्रदूषण अधिनियम 1981 का उल्लंघन भी है। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा जारी सी.आर.एम. स्कीम के तहत 1000 रुपए प्रति एकड़ किसानों को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि के बारे में भी अधिक से अधिक अवगत कराने के प्रयास किये जा रहे हैं ताकि इस स्कीम के बारे में भी अधिक से अधिक लाभ ले सकें। अधिक जानकारी के लिए कृषि विकास अधिकारी या फिर उपमंडल कृषि अधिकारी बहादुरगढ़ के कार्यालय से सम्पर्क करें।
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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज