ठाणे में कावेसर झील सौंदर्यीकरण पर दो गुट आमने- सामने

Two groups face to face lack beautification

मुंबई,7जून ( हि.स.) ।प्रसिद्ध तीर्थक्षेत्र वृंदावन कोरिडोर निर्माण के परस्पर विरोध की तर्ज पर अब ठाणे शहर में घोड़बंदर रोड पर हीरानंदानी इस्टेट में स्थित कावेसर झील सौंदर्यीकरण को लेकर स्थानीय दो गुट आमने सामने हैं।एक गुट चाहता है कि प्रगति के लिए तालाब परिसर का आधुनिक तरीके से सौंदर्यीकरण कर विकास हो ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।जबकि दूसरे विरोधी खेमे का कहना है किअधाधुंध सीमेंटीकरण से न केवल पर्यावरण को नुकसान होगा बल्कि परिसर की प्राक़तिक मूल पहचान ही समाप्त हो जाएगी।

बताया जाता है कि कावेसर झील के सौंदर्यकरण को समर्थन कर एक खेमा गुरुवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कावेसर झील के आस पास वृक्षारोपण के लिए एकत्रित हुए थे, जबकि दूसरा खेमा उक्त झील के सौंदर्यकरण को लेकर कड़ी आपत्ति जताते हुए हाथों में बैनर और पोस्टर आदि लेकर कुछ चंद लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।.उनका कहना है कि , उक्त झील एवं आसपास परिसर में कंक्रीटीकारण ना किया जाए। उन्होंने कहा कि. पर्यावरण दिवस के अवसर पर सिर्फ वृक्षारोपण ही करें लेकिन झील एवं उसके आसपास परिसर के प्राकृतिक वातावरण से छेड़छाड़ ना किया जाए.। विरोध प्रदर्शन करने वाले समूह ने नया ठाणे पुराना ठाणे, सर्विस रोड पर स्थित स्मार्ट वॉटर आदि जैसे योजना का हवाला देते हुए कहा कावेसर झील के सौंदर्यकरण का भी वही हश्र होगा.। उनका कहना है झील के सौंदर्यकरण के नाम पर जनता के पैसों की बर्बादी किया जा रहा है.। . इधर आज कावेसर झील परिसर के सौंदर्यीकरण के समर्थन में सामने आए स्थानीय शिवसेना शिंदे गुट के शाखा प्रमुख प्रवीण नागरे ने कहा कि यह शतकों पुराना तालाब है लेकिन वर्षों से रोजाना यहां कचरा जमा होता है।गंदगी के अंबार लगे है लेकिन तालाब परिसर की साफ सफाई का लोग विरोध कर रहे हैं । ठाणे में दर्जनों तालाब ऐसे है कि जिनका समय के साथ सौंदर्यीकरण किया गया है। ठाणे मनपा आयुक्त और ठाणे के सांसद ने तालाब परिसर के आधुनिकीकरण और सौंदर्यीकरण के लिए एक योजना भी बनाई है।तालाब परिसर में साढ़े तीन हजार पेड़ लगाए जाएंगे।कुछ ऐसे भी है जिससे वटर फ्लाई आकर्षित होती है।जबकि स्थानीय शिवसेना शिंदे गुट के प्रमुख मुकेश ठोंमरे का कहना है कि सौंदर्यीकरण सिर्फ , झील का नहीं बल्कि उसके आसपास किया जाएगा,साथ ही जंगली घास आने की संभावनाएं नहीं है ,इसलिए वहां पर कंक्रीटीकारण जरुरी होगा. साथ ही जबकि टेकड़ी पर एंप्ली थिएटर बनाया जाएगा,।

सौंदर्यीकरण के समर्थकों ने आज बताया कि लोग व्यंग कसते हैं कि , यह वृक्ष का पौधा अच्छा नहीं है इसका रोपण नहीं किया जाना चाहिए जबकि यह वृक्षों के विशेषज्ञ उस वक्त दिखाई नहीं देते जब वहां पर झाड़ गिरते हैं. और लोग हताहत होते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा

   

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