जम्मू-कश्मीर में दो सत्ता केंद्र राष्ट्रीय हित में नहीं  कर्रा

जम्मू, 17 नवंबर हि.स.। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को यहां सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की तो वहीं इस दौरान जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में दो सत्ता केंद्र राष्ट्रीय हित में नहीं हैं।

उन्होंने भाजपा पर देशभक्तिपूर्ण और विभाजनकारी राजनीति करने का भी आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस को कमजोर करने का हर प्रयास विफल होने वाला है क्योंकि कोई भी पार्टी की विचारधारा और दर्शन को खत्म नहीं कर सकता।

राजभवन में उच्च स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता सिन्हा ने की राजभवन और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार के शीतकालीन राजधानी में स्थानांतरित होने के बाद जम्मू क्षेत्र में उनकी यह पहली बैठक थी।

उपराज्यपाल ने इससे पहले 16 अक्टूबर को नई सरकार के गठन के बाद आतंकी गतिविधियों में तेजी आने के बाद ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में कई बैठकों की अध्यक्षता की थी।

उपराज्यपाल द्वारा सुरक्षा समीक्षा बैठकों की अध्यक्षता करने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में कर्रा ने कहा कि मुझे नहीं पता कि आज सुरक्षा की समीक्षा हो रही है या नहीं, लेकिन जब पहली बार उपराज्यपाल ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की थी तो हमने जम्मू-कश्मीर में दो सत्ता केंद्र बनाने के प्रयासों के बारे में संदेह व्यक्त किया था जो राष्ट्रीय हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि एक तरफ उपराज्यपाल सुरक्षा स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और दूसरी तरफ मुख्यमंत्री। हो सकता है कि वे अलग-अलग निर्णय लें, जिससे हम दोराहे पर आ जाएं।

उपराज्यपाल को यह स्वीकार करना चाहिए कि आज बदलाव एक वास्तविकता है और सभी को इस तथ्य को समझना और महसूस करना चाहिए और तदनुसार कार्य करना चाहिए। हम सभी से, विशेष रूप से उपराज्यपाल से एक समग्र और समावेशी दृष्टिकोण अपनाने का अनुरोध करते हैं अन्यथा लाभ के बजाय ऐसी बैठकें हानिकारक साबित हो सकती हैं।

कर्रा यहां पूर्व उपमुख्यमंत्री मंगत राम शर्मा की 92वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित एक समारोह के इतर मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे। नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के इस बयान पर कि भाजपा कांग्रेस को कमजोर करने के लिए अनुच्छेद 370 का इस्तेमाल कर रही है, उन्होंने कहा कि पार्टी के नेता बार-बार यही कह रहे हैं लेकिन जहां तक उनकी पार्टी का सवाल है उसे अतीत में भी इसी तरह के असफल प्रयासों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की कट्टर और विभाजनकारी राजनीति कांग्रेस के बजाय भारत को कमजोर करेगी।

उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि अब्दुल्ला जैसे लोग तथ्यों को गलत तरीके से पेश करके कांग्रेस पर भाजपा के हमले को स्वीकार कर रहे हैं। कर्रा ने कहा कि कांग्रेस अपने अधिकांश उम्मीदवारों के चुनाव हारने के बाद संख्यात्मक रूप से कमजोर हो सकती है, लेकिन कोई भी पार्टी को खत्म नहीं कर सकता क्योंकि कोई भी पार्टी की विचारधारा और दर्शन को खत्म नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी पहले ही अनुच्छेद 370 पर अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है और साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव पर भी अपनी बात कह चुकी है, इसलिए पुरानी बातों पर बात करना भाजपा को तोप मुहैया कराने जैसा है। शर्मा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता को सच्ची श्रद्धांजलि यही है कि हम खड़े हों और उन ताकतों से लड़ें जिनके खिलाफ वह जीवन भर सबसे आगे रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता

   

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