अजमेर, 21 नवम्बर(हि.स.)। अजमेर के श्रीनगर ग्राम पंचायत स्थित कालेड़ी (कानाखेड़ी) गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले कक्षा 4 व 5 के दो विद्यार्थियों की गांव के ही पानी की नाड़ी में डूबने से मौत हो गई। दोनों छात्र स्कूल के मध्यांतर में खाना खाने के बाद शौच करने के लिए स्कूल बाउंड्री से बाहर निकल कर नाड़ी की तरफ चले गए थे।
ग्राम सरपंच जयसिंह ने बताया कि नेमीचंद पुत्र जगमाल तथा महावीर पुत्र धारासिंह की पानी में डूबने से मौत हो गई है। दोनों ही राजकीय प्राथमिक स्कूल कालेड़ी (कानाखेड़ी) के विद्यार्थी थे। प्राथमिक जानकारी के अनुसार दोनों बच्चे स्कूल के मध्यांतर समय में खाना खाने के बाद शौच लगने से नाड़ी के पास चले गए थे जहां नाड़ी में डूबने से उनकी मौत हो गई। सरपंच ने बताया कि बच्चों के साथ गए एक अन्य विद्यार्थी ने स्कूल में लौट कर घटना की जानकारी दी तो ग्रामीणों ने मौके पर पहुंच कर उन्हें खोजा एक छात्र तो तुरंत मिल गया जबकि दूसरे को खोजने में आधा घंटा लग गया। दोनों बच्चों को पहले श्रीनगर डिस्पेंसरी भेजा गया किन्तु वहाँ उपचार की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें अजमेर रेफर कर दिया गया। यहां चिकित्सकों ने प्रयास करने के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।
सरपंच ने आरोप लगाया कि श्रीनगर डिस्पेंसरी पर बच्चों को सीपीआर अथवा अन्य प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध हो जाती तो शायद उन्हें बचाया जा सकता था। सरपंच ने स्कूल की शिक्षिकाओं पर भी बच्चों का समुचित ध्यान नहीं रखने का आरोप लगाया। सरपंच ने कहा कि वे भी स्कूल में मोबाइल ही चलाती रहती हैं बच्चों का ध्यान नहीं रखती।
गांव के रहने वाले एडवोकेट शिवराज सिंह ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि ऐसी घटनाएं रोकी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राथमिक रूप से स्कूल अध्यापिकाओं की लापरवाही है जिन्हें ज्ञात ही नहीं कि कितने बच्चे स्कूल पढ़ने आए हैं और कितने मध्यांतर में उपस्थित हैं। मध्यांतर में कोई बच्चा स्कूल से बाहर भी जा रहा है तो उसका भी ध्यान नहीं रखा जाता। उन्होंने श्रीनगर डिस्पेंसरी पर चिकित्सा की समुचित व्यवस्था नहीं होने पर तो नाराजगी दर्शाइए ही साथ ही श्रीनगर से अजमेर जेएलएन हॉस्पिटल रेफर करने की स्थिति में सड़क खराब होने से जरूरत से ज्यादा समय बीत जाने से बच्चों को नहीं बचा पाने के लिए भी सरकारी व्यवस्थाओं की आलोचना की।
एडवोकेट ने कहा कि ग्रामीणों ने 108 एम्बुलेंस व पुलिस की मदद से बच्चों को किसी तरह अजमेर जेएलएन हॉस्पिटल पहुंचाया किन्तु तब तक बहुत देर हो गई थी। बच्चों का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिवारजनों को सौंप दिए गए है। गांव में शोक व्याप्त हो गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष