नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रही है 'उड़ान', लाखों लोगों की पहुंच बना रही आसान

नई दिल्ली, 20 नवंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार की उड़ान योजना ने नागरिक उड्डयन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। देश का विमानन क्षेत्र 17 नवंबर को एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित हुआ, जब एक ही दिन में 5,05,412 घरेलू यात्रियों ने उड़ान भरी। पहली बार दैनिक यात्रियों की संख्या 5 लाख के आंकड़े को पार कर गई।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि देश में जहां आकाश आशा और आकांक्षा का प्रतीक है, 21 अक्टूबर, 2016 को उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) के शुभारंभ के साथ किफायती उड़ान का सपना सच हो गया। देशभर में 3,100 से अधिक उड़ानों के संचालन के साथ यह उपलब्धि वैश्विक विमानन परिदृश्य में भारत की बढ़ती प्रमुखता को उजागर करती है। उड़ान योजना इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जिसने हेलीकॉप्टर सेवाओं सहित 609 मार्गों को चालू किया है और देशभर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्बाध रूप से जोड़ा है।

योजना का उद्देश्‍य आम नागरिक के लिए बदलाव लाना

नागरिक उड्डयन मंत्रालय की अगुआई में शुरू की गई इस योजना ने क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ाकर इसे लाखों लोगों के लिए सुलभ बनाकर हवाई यात्रा को बदल दिया है। हेलीकॉप्टर मार्गों और अंतिम मील संपर्क जैसी निरंतर प्रगति के साथ उड़ान ने आकांक्षाओं और पहुंच के बीच की खाई को पाट दिया है, जिससे भारत के विमानन परिदृश्य में नया बदलाव आया है। यह निरंतर प्रगति अब एक ऐतिहासिक मील के पत्थर में परिणत हो गई है, जो इस योजना के दूरगामी प्रभाव को प्रदर्शित करती है।

हवाई यात्रा को लोकतांत्रिक बनाने की जरूरत पर जोर

उड़ान योजना की कहानी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन में गहराई से निहित है, जिन्होंने राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति की घोषणा से पहले एक महत्वपूर्ण बैठक में हवाई यात्रा को लोकतांत्रिक बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि वह हवाई जहाज में चप्पल पहने लोगों को चढ़ते देखना चाहते हैं, एक भावना जिसने अधिक समावेशी विमानन क्षेत्र के लिए विजन को प्रज्वलित किया। आम आदमी के सपनों के प्रति इस प्रतिबद्धता ने उड़ान को जन्म दिया।

इसकी पहली उड़ान 27 अप्रैल, 2017 को रवाना

उड़ान योजना की पहली उड़ान 27 अप्रैल, 2017 को रवाना हुई थी, जिसने शिमला की शांत पहाड़ियों को दिल्ली के हलचल भरे महानगर से जोड़ा। इस उद्घाटन उड़ान ने भारतीय विमानन में एक परिवर्तनकारी यात्रा की शुरुआत की, जिसने अनगिनत नागरिकों के लिए आसमान खोल दिया।

बाजार-संचालित दृष्टिकोण पर कार्यरत है उड़ान

उड़ान एक बाजार-संचालित मॉडल पर काम करता है, जहां एयरलाइंस विशिष्ट मार्गों पर मांग का आकलन करती हैं, जो बोली दौर के दौरान प्रस्ताव प्रस्तुत करती हैं। यह योजना एयरलाइनों को व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) और हवाईअड्डा संचालकों, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न रियायतों के माध्यम से सहायता प्रदान करके कम सेवा वाले क्षेत्रों को जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करती है।

विमानन उद्योग में वृद्धि को बढ़ावा देना

आरसीएस-उड़ान योजना ने भारत में नागरिक विमानन उद्योग को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले सात वर्षों में इसने कई नई और सफल एयरलाइनों के उद्भव को उत्प्रेरित किया है। इससे फ्लाईबिग, स्टार एयर, इंडियावन एयर और फ्लाई91 जैसी क्षेत्रीय वाहक कंपनियों को इस योजना से लाभ हुआ है, जिन्होंने टिकाऊ व्यवसाय मॉडल विकसित किए हैं और क्षेत्रीय हवाई यात्रा के लिए एक बढ़ते पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान दिया है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय विमानन कंपनियों ने अगले 10-15 वर्षों में डिलीवरी के लिए 1,000 से अधिक विमानों के ऑर्डर दिए हैं, जिससे लगभग 800 विमानों के मौजूदा बेड़े में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। उड़ान योजना 21 अक्टूबर, 2016 को शुरू की गई थी। पहली उड़ान 27 अप्रैल 2017 को शिमला से दिल्ली को जोड़ते हुए रवाना हुई। इस योजना का मकसद दूरी की सीमा को पाटना, परिचालन हवाई अड्डों को प्राथमिकता देना, हेलीकॉप्टर और छोटे विमानों की कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना और बंद किए गए मार्गों को फिर से सक्रिय करना है। इस योजना के तहत 609 मार्ग और 86 हवाई अड्डे चालू हैं, जबकि इस योजना से (अक्टूबर तक) 1.44 करोड़ यात्री लाभान्वित हुए हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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