उदयपुर शहर विधायक ने विधानसभा में उठाए महत्वपूर्ण मुद्दे

उदयपुर, 8 मार्च (हि.स.)। उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन ने विधानसभा में नगर निगम उदयपुर से जुड़े कई अहम मुद्दे उठाए। उन्होंने निगम के तत्कालीन आयुक्त हिम्मतसिंह बारहठ द्वारा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन मामले के बावजूद पट्टे जारी करने पर उनके खिलाफ कोर्ट ऑफ कंटेम्प्ट की कार्रवाई की मांग की। इसके अलावा, वर्ष 2022-24 की ऑडिट रिपोर्ट में 30 करोड़ की राजस्व हानि को लेकर भी जांच की आवश्यकता जताई।

विधायक जैन ने बताया कि यूआईटी ने 2014 में नगर निगम को पानेरियों की मादड़ी में किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं करने को लेकर पत्र लिखा था, क्योंकि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित था। बावजूद इसके, तत्कालीन आयुक्त ने 2021-22 और 2022-23 में विभिन्न व्यक्तियों और कंपनियों को पट्टे जारी कर दिए। इसे अदालत की अवमानना मानते हुए उन्होंने उचित कानूनी कार्रवाई की मांग की।

विधायक ने 2022 से 2024 के बीच निगम में 30 करोड़ की राजस्व हानि का मामला भी उठाया। स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग की रिपोर्ट और सूचना के अधिकार के तहत मिले दस्तावेजों के आधार पर उन्होंने तत्कालीन आयुक्त की भूमिका की जांच की मांग की।

उदयपुर की प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन पर मंडरा रहे खतरे को लेकर विधायक जैन ने पहाड़ियों की अंधाधुंध कटिंग पर चिंता जताई। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने 43 पहाड़ियों को चिन्हित किया था, लेकिन हिल्स पॉलिसी पर कोर्ट में मामला लंबित होने से कार्यवाही नहीं हो पा रही। उन्होंने निजी खातेदारों को अन्यत्र भूमि देने के बाद पहाड़ियों को वन भूमि घोषित करने की मांग रखी।

विधायक ने पूर्व सरकार में हुए 272 भूखंड घोटाले का मामला उठाते हुए दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि मंत्री के आश्वासन के बावजूद अब तक कुछ ही गिरफ्तारियां हुई हैं, जबकि अभी भी कई सरकारी अधिकारी बच रहे हैं।

विधायक जैन ने विधानसभा में शहर में बिना लाइसेंस चल रही नॉनवेज दुकानों पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अंडे के ठेलों की आड़ में अवैध व्यापार बढ़ रहा है, जिससे स्वच्छता और कानून व्यवस्था प्रभावित हो रही है। उन्होंने लाइसेंसधारी दुकानों की जांच और अवैध रूप से संचालित दुकानों को हटाने की मांग की।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता

   

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